Women Safety in India

Women Safety in India: जानिये कौन है वो जज जिसने कहा ‘लड़की के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाडे को तोड़ना रेप नहीं’,

Latest News

हाइलाइट्स:

– इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज राम मनोहर नारायण मिश्रा ने Women Safety in India से जुड़े एक मामले में विवादास्पद टिप्पणी की।
– कोर्ट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी युवती का जबरन स्तन पकड़ता है और पायजामे का नाड़ा तोड़ता है, तो इसे रेप नहीं माना जाएगा।
– इस मामले में धारा 376 के बजाय धारा 354-बी लागू होगी, जो गंभीर यौन अपराध की श्रेणी में आता है।
– जस्टिस मिश्रा ने रेप की कोशिश और अपराध की तैयारी के बीच के अंतर को समझने पर जोर दिया।
– यह टिप्पणी Women Safety in India को लेकर सोशल मीडिया और महिला अधिकार संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया का कारण बनी।

Women Safety in India: कौन हैं जस्टिस राम मनोहर मिश्रा?

जस्टिस राम मनोहर मिश्रा का जन्म 6 नवंबर 1964 को हुआ था। उन्होंने 1985 में कानून की पढ़ाई पूरी की और 1987 में लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 1990 में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में मुंसिफ के रूप में शामिल हुए। 2005 में उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नति मिली और 2019 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने बागपत, अलीगढ़ और लखनऊ जैसे जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं।

जस्टिस मिश्रा ने कई अहम मामलों में फैसले सुनाए हैं, जिनमें योगी आदित्यनाथ से जुड़े मामले और Women Safety in India से संबंधित केस शामिल हैं।

Women Safety in India: क्या है कासगंज का मामला?

कासगंज के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की कि यदि कोई व्यक्ति किसी युवती का जबरन स्तन पकड़ता है और पायजामे का नाड़ा तोड़ता है, तो इसे रेप नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में धारा 376 (रेप) के बजाय धारा 354-बी (गंभीर यौन अपराध) लागू होगी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि रेप की कोशिश और अपराध की तैयारी के बीच के अंतर को समझना जरूरी है। यह टिप्पणी Women Safety in India को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया का कारण बनी, जहां लोगों ने इसे महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताया।

Women Safety in India: जस्टिस मिश्रा के पिछले अहम फैसले

1. योगी आदित्यनाथ से जुड़ा मामला:

मार्च 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के एक आदेश को हटा दिया, जिसमें योगी आदित्यनाथ को प्लेटो की अवधारणा का उदाहरण बताया गया था। जस्टिस मिश्रा की बेंच ने इस आदेश को रद्द कर दिया।

2. Women Safety in India से जुड़े फैसले:

2023 में एक रेप केस में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि रेप की शिकार महिला को सह-अपराधी नहीं माना जा सकता। उन्होंने महिलाओं की गवाही की पुष्टि पर जोर दिया।

3. गुराजे भत्ते का मामला:

2024 में चंदौली की एक महिला की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि मिडिल क्लास परिवार की महिला के लिए 2500 रुपये में एक वक्त का खाना जुटाना मुश्किल है। कोर्ट ने गुराजे भत्ते को बढ़ाकर 5000 रुपये करने का सुझाव दिया।

Women Safety in India: सोशल मीडिया और महिला अधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

जस्टिस मिश्रा की टिप्पणी ने Women Safety in India को लेकर सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। कई लोगों ने इसे महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताया और न्यायपालिका पर सवाल उठाए। महिला अधिकार संगठनों ने भी इस टिप्पणी की निंदा की और कहा कि ऐसे बयान महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं।

Women Safety in India: निष्कर्ष

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज राम मनोहर मिश्रा की हालिया टिप्पणी ने Women Safety in India को लेकर एक बार फिर न्यायपालिका और समाज के बीच के अंतर को उजागर किया है। यह मामला न केवल कानूनी बहस का विषय बना हुआ है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

आपकी इस मामले पर क्या राय है? क्या आपको लगता है कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा दी जानी चाहिए? अपने विचार कमेंट में साझा करें और इस लेख को शेयर करके इस महत्वपूर्ण बहस को आगे बढ़ाएं।

पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. Women Safety in India के लिए कौन-कौन से कानून हैं?
भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए धारा 354, 376, और POCSO Act जैसे कानून हैं।

2. धारा 354-बी क्या है?
यह गंभीर यौन अपराध की श्रेणी में आता है और इसमें सजा का प्रावधान है।

3. Women Safety in India को लेकर सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने महिला हेल्पलाइन, सखी ऐप, और निर्भया फंड जैसी पहल की हैं।

4. सोशल मीडिया पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस टिप्पणी की निंदा की और इसे महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताया।

5. Women Safety in India को कैसे सुधारा जा सकता है?
शिक्षा, जागरूकता, और कड़े कानूनों के जरिए महिलाओं की सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है।

इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद! इसे शेयर करें और अपने विचार कमेंट में साझा करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *