हाइलाइट्स:
- viral video में महिला RTO इंस्पेक्टर ट्रक ड्राइवर को बालों से खींचती नजर आ रही हैं
- चित्तौड़गढ़ के गंगरार टोल प्लाजा के पास हुई पूरी घटना
- वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश
- प्रशासन ने की प्रारंभिक जांच शुरू, अधिकारियों से मांगा जवाब
- महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी का पुराना रिकॉर्ड भी जांच के दायरे में
चित्तौड़गढ़ में RTO चेकिंग के दौरान सामने आई हैरान करने वाली घटना
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। गंगरार टोल प्लाजा के पास RTO चेकिंग के दौरान की गई एक viral video सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है। इस वीडियो में एक महिला RTO इंस्पेक्टर, मुक्ता सोनी, को एक ट्रक ड्राइवर के साथ बदसलूकी करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो में दिखाया गया है कि मुक्ता सोनी ट्रक ड्राइवर को बालों से खींचती हैं और फिर उसे ज़ोर से धक्का देती हैं। इस तरह की बर्बर कार्रवाई को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कानून के नाम पर आम नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार उचित है?
कैसे सामने आया यह viral video?
इस viral video को सबसे पहले एक राहगीर ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया और फिर उसे फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर साझा कर दिया। वीडियो के वायरल होते ही यह देशभर में सुर्खियों का विषय बन गया। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि महिला RTO इंस्पेक्टर बेहद आक्रोश में हैं और ट्रक चालक को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर रही हैं।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां महिला RTO इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है !!
इस वीडियो में वह एक ट्रक ड्राइवर के बाल खींचते और उसे धक्का देते हुए नजर आ रही हैं !!
घटना गंगरार टोल प्लाजा के पास की है,… pic.twitter.com/9qe9mSTsTT— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) April 12, 2025
सोशल मीडिया पर उठे सवाल और जनआक्रोश
viral video के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने प्रशासन और महिला इंस्पेक्टर के रवैये की निंदा की है। कुछ लोगों ने यह सवाल भी उठाया कि क्या एक अधिकारी को किसी आम नागरिक के साथ इस प्रकार के आचरण की अनुमति होनी चाहिए?
“अगर कानून के रखवाले ही कानून तोड़ेंगे तो फिर आम आदमी कहां जाएगा?” — एक ट्विटर यूज़र ने लिखा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच की शुरुआत
चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन ने viral video के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। आरटीओ विभाग के उच्च अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, और बताया गया है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी।
चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर ने कहा:
“हमें viral video के माध्यम से घटना की जानकारी मिली है। मामले की जांच की जा रही है, और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
कानूनी और नैतिक पहलुओं पर उठे सवाल
इस viral video ने एक बार फिर इस बात पर बहस छेड़ दी है कि कानून लागू करने वाले अधिकारी कितनी सीमा तक बल प्रयोग कर सकते हैं।
भारतीय दंड संहिता के तहत किसी भी व्यक्ति के साथ हिंसक व्यवहार करना, वह चाहे अधिकारी हो या आम नागरिक, दंडनीय अपराध है। महिला अधिकारी द्वारा सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की हरकत न केवल पेशेवर नैतिकता के खिलाफ है, बल्कि आम जनता में कानून के प्रति भय और अविश्वास भी उत्पन्न कर सकती है।
मुक्ता सोनी का पिछला रिकॉर्ड और विवादित छवि
सूत्रों के अनुसार, महिला RTO इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी पहले भी कई बार ट्रांसपोर्ट यूनियन के विरोध का सामना कर चुकी हैं। कुछ मामलों में उन पर रिश्वतखोरी के आरोप भी लगे थे, हालांकि वे साबित नहीं हो सके। अब viral video सामने आने के बाद उनके पुराने रिकॉर्ड को भी प्रशासनिक जांच के दायरे में लाया गया है।
ट्रक ड्राइवर की स्थिति और बयान
जिस ट्रक ड्राइवर के साथ यह घटना हुई, उसकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ड्राइवर ने यह बताया है कि उसे रोका गया और गाड़ी के दस्तावेज दिखाने के बावजूद महिला अधिकारी ने गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी।
ड्राइवर की शिकायत पर भी पुलिस द्वारा प्राथमिक जांच की जा रही है, और संभवतः वह अपने बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में है।
समाज पर असर और प्रशासन की जिम्मेदारी
ऐसी घटनाएं समाज में प्रशासन के प्रति अविश्वास बढ़ाती हैं। जहां एक ओर महिला अधिकारों और महिला अधिकारियों के सशक्तिकरण की बात होती है, वहीं इस तरह की घटनाएं पूरे सिस्टम की साख को नुकसान पहुंचाती हैं।
RTO जैसे विभाग से लोगों को सुरक्षा और निष्पक्षता की अपेक्षा होती है, लेकिन जब वही विभाग इस प्रकार का आचरण करता है, तो यह न केवल सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है बल्कि आम जनता की उम्मीदों को भी तोड़ता है।
viral video ने खोली सिस्टम की सच्चाई
चित्तौड़गढ़ की यह viral video सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल है। महिला अधिकारी की यह हरकत प्रशासनिक तंत्र की नैतिकता पर हमला है। जब तक ऐसे मामलों में पारदर्शी जांच और ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक लोगों का कानून और प्रशासन में विश्वास बहाल नहीं हो पाएगा।