उत्तर प्रदेश के आगरा में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) के रिक्रूटमेंट मैनेजर, मानव शर्मा द्वारा आत्महत्या की घटना ने समाज में गहरा आक्रोश और चिंता पैदा की है। 24 फरवरी 2025 को, मानव ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मृत्यु से पूर्व, उन्होंने एक 6 मिनट 57 सेकंड का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी, निकिता शर्मा, पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए। इस वीडियो में, मानव ने पुरुषों के लिए कानूनी सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “कानून को पुरुषों की भी रक्षा करनी चाहिए… मर्दों के बारे में भी सोचा जाए, कोई तो मर्दों के बारे में बात करे, वे बहुत अकेले हो जाते हैं।”
मानव के पिता, नरेश कुमार शर्मा, जो वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि उनके बेटे की शादी 30 जनवरी 2024 को निकिता से हुई थी। शादी के बाद से ही, निकिता ने मानव को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। वह अक्सर कहती थी कि उसका किसी और से संबंध है और यह शादी उसकी मर्जी के खिलाफ हुई है। इन आरोपों के चलते, मानव गहरे अवसाद में चले गए थे।
इस मामले में, मानव की पत्नी, निकिता शर्मा, ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि मानव द्वारा लगाए गए आरोप उनके अतीत से संबंधित हैं, जो शादी से पहले की बातें थीं। निकिता ने यह भी आरोप लगाया कि मानव शराब के नशे में उनके साथ मारपीट करते थे और उन्होंने कई बार मानव को आत्महत्या करने से रोका था। निकिता ने कहा, “वो मेरा पास्ट था। शादी के बाद ऐसा कुछ नहीं था। उन्होंने पहले भी कई बार सुसाइड करने का प्रयास किया। मैंने कई बार उन्हें बचाया था।”
मानव के पिता ने निकिता और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने अपने बेटे की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीसीपी वेस्ट, सोनम कुमार ने बताया कि आरोपियों की तलाश जारी है।
सुसाइड करने वाले TCS कंपनी के मानव शर्मा की पत्नी निकिता शर्मा ने कहा –
‘वो मेरा पास्ट था। जो चीजें थीं, वो शादी के पहले थीं। उन्होंने पहले भी कई बार सुसाइड करने का प्रयास किया। मैंने कई बार उन्हें बचाया था। वो मुझे शराब पीकर मारते थे। एक बार मेरी भी सुनी जानी चाहिए’ https://t.co/2zw92BDZYC pic.twitter.com/XLxUFRwBoS
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) February 28, 2025
यह घटना बेंगलुरु के अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या की घटना से मिलती-जुलती है, जहां पत्नी के उत्पीड़न से परेशान होकर एक युवक ने अपनी जान दे दी थी। इन घटनाओं ने वैवाहिक जीवन में पुरुषों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर बहस छेड़ दी है। समाज में यह धारणा प्रचलित है कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में केवल महिलाएं ही पीड़ित होती हैं, लेकिन इन घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि पुरुष भी मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के शिकार हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में निष्पक्ष और विस्तृत जांच आवश्यक है ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो सके। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि समाज में पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों में अवसाद और तनाव के लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, जो बाद में गंभीर परिणामों का कारण बन सकते हैं।
इस घटना ने सामाजिक और कानूनी ढांचे में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है, ताकि वैवाहिक जीवन में उत्पीड़न के शिकार पुरुषों को भी न्याय और सहायता मिल सके। यह समय है कि समाज पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता दिखाए, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या अवसाद से गुजर रहा है, तो तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें। साथ ही, भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर भी सहायता प्राप्त की जा सकती है। याद रखें, जीवन अनमोल है, और हर समस्या का समाधान संभव है।