इंदिरापुरम में दरोगा द्वारा युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल: पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के नीति खंड चौकी प्रभारी बृजपाल सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक युवक को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना पैठ बाजार हटाने के दौरान की बताई जा रही है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली और आम जनता के साथ उनके व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

मंगलवार को इंदिरापुरम के नीति खंड क्षेत्र में पैठ बाजार हटाने के लिए पुलिस अभियान चला रही थी। इस दौरान चौकी प्रभारी बृजपाल सिंह ने एक युवक को थप्पड़ मारकर वहां से हटाया। इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

वीडियो वायरल होने के बाद, लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। ट्विटर पर @DCPTHindonGZB को टैग करते हुए कई उपयोगकर्ताओं ने सवाल उठाए कि आखिरकार जनता को मारने का अधिकार किसने दिया। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है, न कि उन्हें मारना। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के वायरल होने के बाद, गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने कहा, “हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। वीडियो की जांच की जा रही है, और यदि चौकी प्रभारी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”

पुलिस और जनता के बीच विश्वास की कमी

इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच बढ़ती दूरी को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे घटनाक्रम पुलिस की छवि को धूमिल करते हैं और जनता के विश्वास को कम करते हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता राधा शर्मा ने कहा, “पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए और जनता के साथ संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।”

इंदिरापुरम की यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली और जनता के साथ उनके व्यवहार पर एक महत्वपूर्ण चर्चा की आवश्यकता को दर्शाती है। यह समय है कि पुलिस प्रशासन आत्ममंथन करे और सुनिश्चित करे कि ऐसे घटनाक्रम दोबारा न हों, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके और कानून व्यवस्था में सुधार हो।

स्रोत: गाजियाबाद पुलिस आधिकारिक ट्विटर हैंडल

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