आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कम उम्र में दृष्टिहीनता (अंधापन) के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान, डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग और स्वास्थ्य संबंधी लापरवाही आंखों के लिए हानिकारक साबित हो रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में दृष्टिहीनता के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और इस समस्या से युवा पीढ़ी भी अछूती नहीं रही। इस लेख में हम उन पांच प्रमुख कारणों की चर्चा करेंगे जिनकी वजह से कम उम्र में दृष्टिहीनता बढ़ रही है, साथ ही इनसे बचाव के उपाय भी जानेंगे।
1. डिजिटल स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग (Digital Eye Strain)
आज के दौर में स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। हालांकि, इन उपकरणों का अत्यधिक उपयोग हमारी आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। शोध के अनुसार, दिनभर स्क्रीन पर देखने से ‘डिजिटल आई स्ट्रेन’ (Digital Eye Strain) या ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ (Computer Vision Syndrome) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या तब होती है जब आंखों को लंबे समय तक लगातार स्क्रीन पर केंद्रित रखा जाता है, जिससे आंखों की मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
प्रमुख लक्षण:
- आंखों में सूखापन और जलन
- सिरदर्द और धुंधली दृष्टि
- लगातार थकान महसूस होना
बचाव के उपाय:
✔ 20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकंड तक देखें।
✔ ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें: स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक नीली रोशनी को कम करने के लिए ब्लू लाइट ब्लॉकर चश्मा या फिल्टर का उपयोग करें।
✔ स्क्रीन ब्रेक लें: लगातार स्क्रीन देखने से बचें और हर घंटे आंखों को आराम दें।
2. असंतुलित आहार और पोषण की कमी
हम जो खाते हैं, उसका सीधा असर हमारी आंखों की सेहत पर पड़ता है। विटामिन ए, सी, ई, और जिंक की कमी आंखों की कमजोरी का कारण बन सकती है। जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे धीरे-धीरे दृष्टिहीनता का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव के उपाय:
✔ हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, टमाटर, और खट्टे फलों का सेवन करें।
✔ मछली, नट्स और बीजों को डाइट में शामिल करें, क्योंकि इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है।
✔ जंक फूड और तले-भुने खाने से बचें।
3. अपर्याप्त नींद और तनाव
नींद की कमी न केवल शरीर बल्कि आंखों के लिए भी बेहद नुकसानदायक होती है। सोते समय आंखों की मांसपेशियां आराम करती हैं, जिससे वे तरोताजा रहती हैं। जो लोग देर रात तक जागते हैं और पूरी नींद नहीं लेते, उन्हें आंखों में सूखापन, लालिमा और जलन की समस्या हो सकती है।
बचाव के उपाय:
✔ रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
✔ सोने से एक घंटे पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल बंद करें।
✔ आंखों की थकान कम करने के लिए हल्के गुनगुने पानी से आंखें धोएं।
4. धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
धूम्रपान और शराब केवल फेफड़ों और लीवर के लिए ही नहीं, बल्कि आंखों के लिए भी बेहद खतरनाक हैं। धूम्रपान से मोतियाबिंद (Cataract) और आयु से संबंधित मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दृष्टिहीनता हो सकती है।
बचाव के उपाय:
✔ धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें।
✔ एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें, जिससे आंखों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाया जा सके।
✔ नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं।
5. आंखों की देखभाल में लापरवाही और नियमित जांच न कराना
कई लोग आंखों की समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे धीरे-धीरे समस्या बढ़ती जाती है और गंभीर रूप धारण कर लेती है। ग्लूकोमा, मोतियाबिंद और रेटिनोपैथी जैसी समस्याएं अगर समय पर पकड़ी जाएं, तो दृष्टिहीनता को रोका जा सकता है।
बचाव के उपाय:
✔ साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच जरूर कराएं।
✔ कोई भी असामान्यता महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
✔ धूप में निकलते समय यूवी प्रोटेक्शन वाले चश्मे का उपयोग करें।
आंखें हमारे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा हैं, और इनकी देखभाल करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर सही समय पर जरूरी कदम उठाए जाएं, तो हम आंखों की समस्याओं को रोक सकते हैं और दृष्टिहीनता के खतरे को कम कर सकते हैं।
✔ डिजिटल स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग कम करें।
✔ संतुलित आहार लें और आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को डाइट में शामिल करें।
✔ रोजाना पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करें।
✔ धूम्रपान और शराब से बचें।
✔ नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं।
अगर आप अपनी आंखों की सेहत को लेकर सजग रहेंगे, तो आप लंबे समय तक स्वस्थ दृष्टि का आनंद ले सकते हैं।