उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा रही है, जिससे वे खेलों में प्रदेश का नाम रोशन कर सकेंगी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) इन छात्राओं को विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण देने के लिए आगे आया है। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को हॉकी, फुटबॉल, खो-खो और बैडमिंटन जैसे खेलों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें।
खेलों में बढ़ते अवसर
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए साई के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत छात्राओं को न केवल खेलों की तकनीकी बारीकियां सिखाई जाएंगी, बल्कि उनकी शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर भी ध्यान दिया जाएगा।
वर्तमान में, प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इस योजना का पहला चरण 680 विद्यालयों में लागू किया जाएगा, जहां छात्राओं को खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। इसके लिए 115 विद्यालयों को प्रारंभिक चरण में चुना गया है, जहां भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
खेलों में चयन की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग और खेल प्राधिकरण द्वारा ट्रायल कैम्प का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को उनके पसंदीदा खेलों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। जो छात्राएं चयन प्रक्रिया में सफल होंगी, उन्हें साई के प्रशिक्षकों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण एक महीने तक चलेगा, जिसमें छात्रों को खेल तकनीकों के साथ-साथ अनुशासन और फिटनेस पर भी ध्यान दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 60 करोड़ रुपये की मांग की है, जिससे इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है। इस योजना के अंतर्गत, ‘खेलो इंडिया’ और अन्य राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा।
साई और राज्य सरकार का यह संयुक्त प्रयास खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल छात्रवृत्ति और अन्य संसाधनों की भी व्यवस्था करेगा। इसके तहत, चयनित छात्राओं को अत्याधुनिक उपकरण और खेल सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
पहले से खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन
इससे पहले भी, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की कई छात्राओं ने खेलों में प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उदाहरण के लिए, लखनऊ के मलिहाबाद स्थित केजीबीवी की मानसी, मीनाक्षी और प्रियंका को उत्तर प्रदेश की अंडर-17 फुटबॉल टीम में स्थान मिला है। ये छात्राएं दिसंबर में जम्मू-कश्मीर में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी।
इसी प्रकार, गाजियाबाद और अन्य जिलों के विद्यालयों में भी छात्राओं को खेलों में आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इससे छात्राओं को न केवल शिक्षा में, बल्कि खेलों में भी करियर बनाने का अवसर मिलेगा।
बालिकाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में अहम कदम
राज्य सरकार और साई की इस पहल से बालिकाओं का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास होगा। खेलों में भागीदारी से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में एक मजबूत पहचान बना सकेंगी। साथ ही, इससे लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा और बालिकाओं को करियर के नए विकल्प मिलेंगे।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खेल प्रशिक्षण की यह पहल उत्तर प्रदेश की छात्राओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल खेलों में उनकी रुचि को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने का अवसर भी प्रदान करेगा। राज्य सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण के इस महत्वपूर्ण निर्णय से आने वाले वर्षों में खेलों में महिलाओं की भागीदारी और अधिक बढ़ेगी और वे अपनी प्रतिभा का पूरा प्रदर्शन कर सकेंगी।