हाइलाइट्स:
- PNB Scam के आरोपी Mehul Choksi को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया।
- ₹13,850 करोड़ के PNB Scam में चोकसी प्रमुख आरोपी।
- इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत की गई कार्रवाई।
- मुंबई कोर्ट के गैर-जमानती वारंट पर हुई गिरफ्तारी, CBI ने पुष्टि की।
- भारत सरकार ने शुरू की Mehul Choksi के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया।
PNB Scam: भारत के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक
PNB Scam भारत के इतिहास में सबसे बड़ा बैंक घोटाला माना जाता है। यह घोटाला वर्ष 2018 में सामने आया, जब पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने मुंबई स्थित अपनी एक ब्रांच में ₹13,850 करोड़ की अनियमितताओं का पता लगाया। इस घोटाले के केंद्र में थे दो व्यापारी – नीरव मोदी और उनके मामा Mehul Choksi। दोनों पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए विदेशी बैंकों से ऋण लेने का आरोप है।
कैसे हुआ था PNB Scam का खुलासा?
PNB Scam तब उजागर हुआ जब बैंक के अधिकारियों ने पाया कि कुछ LoUs बिना किसी अधिकृत मंजूरी के जारी किए गए थे। जांच में पता चला कि इन दस्तावेजों का उपयोग Mehul Choksi और नीरव मोदी ने विदेशी बैंकों से मोटी रकम उधार लेने के लिए किया था, जिसका भुगतान PNB को करना पड़ा।
CBI और ED ने इस मामले में कई FIR दर्ज कीं और करोड़ों की संपत्ति जब्त की। इसके बाद दोनों आरोपी देश छोड़कर फरार हो गए।
Mehul Choksi की फरारी और नागरिकता विवाद
PNB Scam के आरोपी Mehul Choksi ने भारत से भागने के बाद एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी। भारत सरकार ने कई बार उसके प्रत्यर्पण के प्रयास किए, लेकिन कानूनी पेचिदगियों के कारण सफलता नहीं मिल सकी।
अब चौंकाने वाली बात यह है कि Mehul Choksi को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है, जहां वह गुप्त रूप से रह रहा था। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत की गई इस गिरफ्तारी से भारत सरकार को एक बड़ा मौका मिला है।
भारत लाने की प्रक्रिया शुरू, CBI ने की पुष्टि
CBI ने पुष्टि की है कि PNB Scam में वांछित Mehul Choksi को मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर बेल्जियम में हिरासत में लिया गया है। भारत सरकार अब बेल्जियम प्रशासन के साथ मिलकर उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।
Mehul Choksi की गिरफ्तारी से क्या बदल सकता है?
इस गिरफ्तारी से भारत सरकार के लिए PNB Scam की जांच में एक नई उम्मीद जगी है। यदि Mehul Choksi को भारत लाया जाता है, तो जांच एजेंसियों को कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिल सकते हैं:
- फर्जी LoUs के पीछे की पूरी साजिश क्या थी?
- कितने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत थी?
- विदेशों में जमा की गई संपत्तियों का क्या हुआ?
राजनीतिक हलचल और विपक्ष की प्रतिक्रिया
PNB Scam पर पहले से ही राजनीतिक विवाद रहा है। विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं कि इतने बड़े घोटाले के आरोपी देश छोड़कर कैसे भाग गए। अब जबकि Mehul Choksi गिरफ्तार हो चुका है, तो सरकार इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक सफलता के तौर पर पेश कर रही है।
विपक्ष ने भी यह मांग की है कि इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, को कानून के कठघरे में लाया जाए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि
PNB Scam की गूंज सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दी थी। विश्व स्तर पर यह सवाल उठे कि भारत में बैंकिंग सिस्टम कितना सुरक्षित है।
अब Mehul Choksi की गिरफ्तारी और संभावित प्रत्यर्पण से यह संकेत जाएगा कि भारत कानून के शासन के प्रति गंभीर है और बड़े आर्थिक अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
PNB Scam केवल एक आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि भारत की बैंकिंग व्यवस्था, कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक इच्छाशक्ति की भी परीक्षा रहा है। Mehul Choksi की गिरफ्तारी से यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है।
अगर भारत उसे सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर पाता है, तो यह न केवल न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि देशवासियों के विश्वास को भी मज़बूत करेगा कि कानून से कोई नहीं बच सकता – चाहे वह कितनी भी बड़ी साजिश रच ले।