Palestinian flag’

ईद के दिन ‘Palestinian flag’ फहराने वाले लाइनमैन साकिब खान की नौकरी गई, सहारनपुर में मचा बवाल, पुलिस-प्रशासन सतर्क

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हाइलाइट्स:

  • Palestinian flag’ फहराने के मामले में संविदाकर्मी साकिब खान को बिजली विभाग ने किया बर्खास्त
  • ईद की नमाज़ के बाद मुस्लिम युवकों ने निकाला जुलूस, किया सड़क जाम
  • पुलिस ने 70 नामजद व अज्ञात लोगों पर दर्ज किया मुकदमा
  • अब तक 5 गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
  • प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई, हालात पर नज़र रखी जा रही है

सहारनपुर में ‘Palestinian flag’ विवाद ने पकड़ा तूल

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में ईद के मौके पर एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे प्रदेश को चौकन्ना कर दिया है। गागलहेड़ी क्षेत्र में ईद की नमाज़ के बाद कुछ मुस्लिम युवकों के समूह ने कथित तौर पर ‘Palestinian flag’ फहराया और जुलूस निकाला। इस पूरे घटनाक्रम का नेतृत्व कर रहे साकिब खान को बिजली विभाग ने तत्परता से बर्खास्त कर दिया है।

घटना का विवरण: कब, कहां और कैसे?

स्थान: गागलहेड़ी, सहारनपुर

तारीख: ईद-उल-फित्र, 2025

ईद की नमाज़ के बाद स्थानीय ईदगाह से निकलते हुए मुस्लिम युवाओं का एक बड़ा समूह घंटाघर चौक तक पहुंचा। इस दौरान समूह ने ‘Palestinian flag’ फहराया और सड़क पर जुलूस निकालते हुए ट्रैफिक बाधित किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह समूह फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहा था।

इस गतिविधि ने इलाके में तनाव उत्पन्न कर दिया। देखते ही देखते भारी भीड़ जमा हो गई और सड़क पर अफरातफरी की स्थिति बन गई।

साकिब खान: कौन है आरोपी?

नाम: साकिब खान

पद: संविदा लाइनमैन, बिजली विभाग

निवास: एक गांव, गागलहेड़ी क्षेत्र

साकिब खान सहारनपुर के गागलहेड़ी इलाके का निवासी है और यूपी बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी के तौर पर कार्यरत था। उसे इस पूरे विवाद का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है।

Palestinian flag’ को सार्वजनिक रूप से फहराना, वह भी एक संविदा सरकारी कर्मचारी के रूप में, राज्य सरकार की नजर में गंभीर आचरण की श्रेणी में आता है।

बिजली विभाग ने कार्रवाई करते हुए तुरंत प्रभाव से साकिब खान की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया।

पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया। CCTV फुटेज और स्थानीय लोगों के वीडियो के आधार पर 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इनमें से 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस का बयान:

“शांति भंग करने, धार्मिक उन्माद फैलाने और कानून व्यवस्था बाधित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। ‘Palestinian flag’ जैसी गतिविधियाँ देश की साम्प्रदायिक एकता को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसी किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
— SSP सहारनपुर

क्या है ‘Palestinian flag’ का संदर्भ?

Palestinian flag’ दुनिया भर में फिलिस्तीन के अधिकारों और इज़राइल के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। हालांकि भारत ने फिलिस्तीन के प्रति सदैव सहानुभूति दिखाई है, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर इस झंडे को फहराना और उसका राजनीतिक उपयोग करना भारतीय कानूनों और सामाजिक ताने-बाने के लिहाज से अनुचित माना जा सकता है।

इस तरह की गतिविधियां विशेषकर धार्मिक आयोजनों के दौरान सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकती हैं।

बिजली विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया

बिजली विभाग ने साकिब खान की भूमिका पर गंभीरता से विचार किया और बिना देर किए उसकी संविदा समाप्त कर दी। विभाग का कहना है कि:

“एक संविदा कर्मचारी का इस प्रकार सार्वजनिक रूप से विवादास्पद गतिविधियों में लिप्त होना विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाता है। ‘Palestinian flag’ जैसी प्रतीकात्मक वस्तुओं का प्रयोग बेहद संवेदनशील मामला है।”

प्रशासन अलर्ट पर, ड्रोन से निगरानी

घटना के बाद गागलहेड़ी और आस-पास के इलाकों में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके।

जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं हालात की समीक्षा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी की जा रही है ताकि अफवाहों को रोका जा सके।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: सियासी गलियारों में हलचल

इस घटना पर कुछ राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने प्रशासन की कार्रवाई को ‘मुस्लिम विरोधी’ करार दिया, जबकि सत्ताधारी दल ने इसे कानून व्यवस्था की मजबूती से जोड़ते हुए प्रशासनिक कार्रवाई को सही ठहराया।

सोशल मीडिया पर ‘Palestinian flag’ ट्रेंड में

इस पूरी घटना के बाद सोशल मीडिया पर ‘Palestinian flag’ ट्रेंड करने लगा है। कई लोग इसे धार्मिक अभिव्यक्ति का समर्थन बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे भारत की सामाजिक एकता के लिए खतरा मान रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि:

“भारत में फिलिस्तीन के समर्थन की भावना रखना व्यक्तिगत स्तर पर जायज़ हो सकता है, लेकिन सार्वजनिक मंच पर ऐसा करना और कानून व्यवस्था को प्रभावित करना असंवेदनशीलता की श्रेणी में आता है।”

 सीमाओं की समझ ज़रूरी

Palestinian flag’ विवाद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सार्वजनिक मंचों पर धार्मिक और राजनीतिक प्रतीकों के इस्तेमाल को लेकर संवेदनशीलता बेहद ज़रूरी है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ज़रूर है, पर वह कानून और सामाजिक मर्यादाओं की सीमा में होनी चाहिए।

सहारनपुर की यह घटना हमें यह सिखाती है कि किसी भी सार्वजनिक आचरण का असर केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उसका प्रभाव समाज और प्रशासनिक ढांचे पर भी पड़ता है।

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