हाइलाइट्स:
- निजी बिल्डर ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के नाम का कर रहे दुरुपयोग
- विज्ञापन में नहीं दिया प्रोजेक्ट का असली नाम
- वेबसाइट को बनाया गया सरकारी पोर्टल जैसा
- आम जनता को सरकारी योजना होने का भ्रम
- अधिकारियों ने कहा – “जांच की जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी”
निजी बिल्डर ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के नाम पर बेच रहे फ्लैट
देश में आवास की बढ़ती मांग के बीच कुछ निजी बिल्डर लोगों को ठगने का नया तरीका अपना रहे हैं। वे अपने निजी प्रोजेक्ट को ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के नाम से प्रचारित कर रहे हैं, जिससे आम लोगों को ऐसा लगे कि यह कोई सरकारी योजना है। खास बात यह है कि इन विज्ञापनों में कहीं भी प्रोजेक्ट का वास्तविक नाम नहीं दिया गया है।
वेबसाइट भी बनाई गई जैसे सरकारी हो
इन बिल्डरों ने न सिर्फ विज्ञापनों में गुमराह करने वाला कंटेंट डाला है बल्कि उन्होंने एक ऐसी वेबसाइट भी तैयार की है जो पूरी तरह सरकारी पोर्टल जैसी दिखती है। वेबसाइट का डोमेन नाम और डिजाइन, दोनों ही ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के सरकारी पोर्टल से मिलते-जुलते हैं। वेबसाइट पर दिखाए गए रंग, प्रतीक चिन्ह (Logo), और शब्दावली पूरी तरह से सरकारी भाषा के समान हैं।
विज्ञापन में नहीं बताया गया असली प्रोजेक्ट
इन फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों द्वारा जो विज्ञापन अखबारों, सोशल मीडिया और बिलबोर्ड्स में चलाए जा रहे हैं, उनमें न तो किसी रियल एस्टेट कंपनी का नाम है और न ही प्रोजेक्ट का कोई स्पष्ट उल्लेख। बस बड़े-बड़े अक्षरों में ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ लिखा गया है, जिससे लोगों को लगे कि ये फ्लैट्स सरकार द्वारा सब्सिडी के साथ दिए जा रहे हैं।
सरकारी अधिकारी बोले – ‘जनता रहे सतर्क’
राज्य शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “Mukhyamantri Awas Yojana एक सरकारी योजना है, लेकिन कुछ निजी कंपनियां इसका नाम अवैध रूप से इस्तेमाल कर रही हैं। हमने अभी तक ऐसी कई वेबसाइट्स और विज्ञापनों की पहचान की है। जल्द ही इन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के नाम का दुरुपयोग किया गया हो। इससे पहले भी 2022 में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आए थे, जहां निजी बिल्डर सरकार की योजनाओं की नकल कर लोगों को ठगते पाए गए थे।
कैसे पहचानें असली और नकली ‘Mukhyamantri Awas Yojana’
1. सरकारी वेबसाइट पर ही करें आवेदन
सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जैसे https://pmayg.nic.in
या राज्य सरकार की हाउसिंग डिपार्टमेंट की वेबसाइट ही वास्तविक होती हैं। किसी अन्य वेबसाइट से सतर्क रहें।
2. सरकारी लोगो और डिज़ाइन का विश्लेषण करें
असली Mukhyamantri Awas Yojana वेबसाइट में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की फोटो, डिजिटल इंडिया का लोगो, और सरकारी डोमेन (.gov.in या .nic.in) होता है।
3. कोई भी योजना फ्री या सब्सिडी पर ही होती है
अगर कोई निजी कंपनी आपको 5 लाख रुपये लेकर Mukhyamantri Awas Yojana में फ्लैट दिलवाने की बात कह रही है, तो समझ जाइए यह ठगी है।
आम लोग हो रहे हैं ठगी का शिकार
रांची की रहने वाली पूजा देवी बताती हैं, “एक विज्ञापन देखा जिसमें लिखा था – सिर्फ 2 लाख में मिलेगा फ्लैट ‘Mukhyamantri Awas Yojana’ के तहत। हमने फॉर्म भरा और ₹25,000 जमा भी कर दिए। बाद में पता चला कि वह प्राइवेट बिल्डर है और योजना का सरकार से कोई लेना-देना नहीं।”
सोशल मीडिया पर भी चलाया जा रहा प्रचार
इन बिल्डरों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी Mukhyamantri Awas Yojana के नाम से पेज बना रखे हैं, जहां लोग आसानी से भ्रमित हो रहे हैं। आकर्षक विडियो और स्लोगन जैसे – “सरकारी योजना का लाभ उठाएं”, “सीमित समय के लिए रजिस्ट्रेशन खुला है” – का इस्तेमाल हो रहा है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
राज्य सरकारों ने ऐसे मामलों की जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस साइबर सेल भी इन फर्जी वेबसाइटों और विज्ञापनों को ट्रैक कर रही है। अगर किसी व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है, तो संबंधित एजेंसी उससे संपर्क करेगी और आवश्यक कार्रवाई होगी।
सतर्क रहें, जागरूक बनें
‘Mukhyamantri Awas Yojana’ एक लाभकारी सरकारी योजना है, लेकिन कुछ लालची बिल्डर इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। जनता को चाहिए कि वे किसी भी योजना की वैधता को खुद जांचें और किसी भी अनधिकृत स्रोत से लेन-देन न करें।
सरकारी योजनाओं की जानकारी सिर्फ और सिर्फ सरकारी पोर्टल्स या अधिकृत सूचना केंद्रों से ही प्राप्त करें। यही आपकी सुरक्षा की पहली शर्त है।