नई दिल्ली, 19 फरवरी 2025: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ किए गए व्यवहार ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने 104 भारतीयों को निर्वासित करते समय उन्हें हथकड़ियों और जंजीरों में बांधकर सैन्य विमान से भारत भेजा, जिससे मानवाधिकारों और गरिमा के उल्लंघन पर गंभीर सवाल उठे हैं।
घटना का विवरण
5 फरवरी 2025 को, अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमान 104 भारतीय प्रवासियों को लेकर पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इन प्रवासियों को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में निर्वासित किया गया था। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल पुलिस (USBP) के प्रमुख माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें इन भारतीयों को हथकड़ियों और पैरों में जंजीरों के साथ दिखाया गया। उन्होंने कहा, “यदि आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको हटा दिया जाएगा।”
मानवाधिकारों का उल्लंघन
निर्वासित किए गए कई भारतीयों ने अपनी आपबीती साझा की। एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें 40 घंटे तक हथकड़ियों और जंजीरों में बांधकर रखा गया, जिससे उन्हें शौचालय जाने में भी कठिनाई हुई। उन्होंने कहा, “बार-बार अनुरोध करने के बाद शौचालय जाने की अनुमति मिली, लेकिन जंजीरें नहीं खोली गईं। हमें घिसट-घिसटकर जाना पड़ा।”
ट्रंप सरकार इस तरह जंजीरों में बांधकर लोगों को अमेरिका से बाहर निकाल रही है.
भारतीयों को भी इसी तरह जंजीरों में बांधकर भेजा गया है.
अब तक ट्रंप ने सेना के तीन जहाज भारत की जमीन पर उतार दिए हैं. pic.twitter.com/0HQAiUQadz
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) February 19, 2025
भारत में प्रतिक्रिया
इस घटना ने भारत में व्यापक आक्रोश पैदा किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रंप से हाथ मिला रहे थे, तब भारतीय नागरिकों को सैन्य विमान में जंजीरों में बांधकर वापस भेजा जा रहा था।”
कानूनी और नैतिक प्रश्न
भारत में, किसी भी व्यक्ति को हथकड़ी लगाना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सभी को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। हथकड़ी केवल तभी लगाई जा सकती है जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करके कहीं ले जाया जा रहा हो और उसके भागने का खतरा हो।
अमेरिकी सरकार का पक्ष
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, “हमारे राष्ट्र के आव्रजन कानूनों को लागू करना राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी अस्वीकार्य और हटाए जाने वाले विदेशियों के खिलाफ आव्रजन कानूनों को लागू करना हमारी नीति है।”
अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करना किसी भी देश का अधिकार है, लेकिन इस प्रक्रिया में मानवाधिकारों और गरिमा का सम्मान आवश्यक है। अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों के साथ किए गए इस व्यवहार ने न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन किया है, बल्कि दोनों देशों के संबंधों पर भी प्रश्नचिह्न लगाया है। आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दोनों देश मिलकर एक सम्मानजनक और मानवीय समाधान खोजें।