महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि दूसरे धर्म में शादी करना गलत नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण के मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जिसका उद्देश्य इन मुद्दों पर कानूनी पहलुओं का अध्ययन करना है।
अंतरधार्मिक विवाह पर मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “अंतरधार्मिक विवाह में कुछ भी गलत नहीं है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि विवाह स्वेच्छा से और पारदर्शिता के साथ होता है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि विवाह धोखाधड़ी या गलत पहचान के माध्यम से होता है, तो यह गंभीर मामला है और इसे संबोधित किया जाना चाहिए।
‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण पर राज्य सरकार की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण की शिकायतों से निपटने के लिए एक समिति गठित की है। इस समिति का उद्देश्य कानूनी पहलुओं का अध्ययन करना और अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों पर विचार करना है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कानून की सिफारिश की जा सके।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र सरकार की इस पहल पर विपक्षी दलों ने अपनी आपत्ति जताई है। ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसा कुछ नहीं है और यह केवल एक आरोप है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मुस्लिम पुरुषों ने गैर-मुस्लिम महिलाओं से शादी की है, लेकिन इसे ‘लव जिहाद’ नहीं कहा जाता।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने कहा कि जबरन धर्मांतरण और मर्जी के बगैर शादी के खिलाफ उनका खुद विरोध है, लेकिन कानून सभी धर्मों के लिए समान होना चाहिए। कांग्रेस नेता चरण सिंह सापरा ने भी सरकार की इस पहल पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार को अपने घोषणा पत्र के वादों को पूरा करना चाहिए, न कि ध्रुवीकरण का काम करना चाहिए।
‘लव जिहाद’ क्या है?
‘लव जिहाद’ एक शब्द है, जिसका इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और संगठनों की ओर से मुस्लिम पुरुषों पर विवाह के माध्यम से हिंदू महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने की साजिश का आरोप लगाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इस शब्द की वास्तविकता और प्रासंगिकता पर विभिन्न मत हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह बयान समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाओं का कारण बना है। जहां एक ओर उन्होंने अंतरधार्मिक विवाह को गलत नहीं बताया, वहीं दूसरी ओर धोखाधड़ी और गलत पहचान के माध्यम से होने वाले विवाहों पर चिंता जताई। राज्य सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और समाज में सामंजस्य बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है।