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देवरिया पुलिस की दबंगई: थाना दिवस पर फरियादियों को धमकाया, IGRS जांच के लिए फोटो खिंचवाने की नई शर्त का वीडियो वायरल

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उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में थाना दिवस के दौरान पुलिस की दबंगई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सलेमपुर थाना प्रभारी (SHO) नितिन साहू और उप निरीक्षक को फरियादियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के अनुसार, फरियादियों से कहा जा रहा है कि IGRS जनसुनवाई के दौरान अगर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर आता है तो उसे पुलिसकर्मियों के साथ फोटो खिंचवाना अनिवार्य होगा।

पुलिस द्वारा कही गई इस बात से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि पुलिस का यह बयान न केवल जनसुनवाई के अधिकारों का हनन है बल्कि इससे शिकायतकर्ताओं में डर का माहौल भी बनेगा।

क्या है पूरा मामला?

मिली जानकारी के अनुसार, घटना देवरिया जिले के सलेमपुर थाना क्षेत्र की है। शनिवार, थाना दिवस के दौरान कई फरियादी अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर थाना पहुंचे थे। उसी दौरान SHO नितिन साहू और उप निरीक्षक ने फरियादियों को धमकाते हुए कहा कि –

“अब जो भी व्यक्ति थाना दिवस या IGRS जनसुनवाई में आएगा, उसे पुलिस के साथ खड़े होकर फोटो खिंचवाना होगा। यह उत्तर प्रदेश सरकार का नया नियम है।”

इस बयान के बाद फरियादियों के बीच हलचल मच गई। लोगों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया और मामला तूल पकड़ने लगा।

IGRS जनसुनवाई के लिए फोटो खिंचवाना अनिवार्य?

इस पूरे मामले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि – क्या वाकई उत्तर प्रदेश सरकार ने IGRS जनसुनवाई के लिए फोटो खिंचवाना अनिवार्य कर दिया है?

कई लोगों का मानना है कि यह पुलिस की एक मनगढ़ंत कहानी है ताकि फरियादी जनसुनवाई के लिए थाने आना बंद कर दें। यदि सरकार ने ऐसा कोई नियम लागू किया है तो इसे सार्वजनिक तौर पर अधिसूचित किया जाना चाहिए था। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा विवाद

इस घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वैसे ही लोगों का गुस्सा भड़क उठा। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि SHO नितिन साहू फरियादियों को खुलेआम धमका रहे हैं और कह रहे हैं कि –

“जो भी IGRS की जांच में आएगा, उसे पुलिस के साथ फोटो खिंचवानी होगी, यह सरकार का नया नियम है।”

इस बयान के बाद से ही लोग लगातार देवरिया पुलिस प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों में बढ़ा आक्रोश

स्थानीय लोगों ने इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा है। लोगों का कहना है कि पुलिस का यह बयान न केवल गलत है बल्कि यह जनसुनवाई के अधिकारों का भी हनन है।

कुछ लोगों का मानना है कि पुलिस की यह चाल फरियादियों को डराने और जनसुनवाई से दूर रखने के लिए रची गई है। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि अगर ऐसा कोई नया नियम बना है तो उसे सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाए।

UP सरकार का क्या है पक्ष?

फिलहाल इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार या पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग लगातार UP पुलिस प्रशासन से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।

कुछ लोगों ने यह भी मांग की है कि SHO नितिन साहू और उप निरीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

क्या पुलिस का यह दावा सही है?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि – क्या वाकई IGRS जनसुनवाई के दौरान पुलिस के साथ फोटो खिंचवाना अनिवार्य है?

यदि यह उत्तर प्रदेश सरकार का नया नियम है तो अब तक इसकी कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी क्यों नहीं हुई है?
यदि पुलिस का यह दावा झूठा है तो SHO नितिन साहू और उप निरीक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

आगे क्या होगा?

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब देखना यह होगा कि –
✅ क्या उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में कोई बयान जारी करेगी?
✅ क्या देवरिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?
✅ क्या वाकई सरकार ने जनसुनवाई के लिए फोटो खिंचवाना अनिवार्य किया है?

अब सभी की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं। यदि सरकार या पुलिस प्रशासन इस पर कोई स्पष्टीकरण जारी करता है तो हम आपको सबसे पहले अपडेट देंगे।

देवरिया पुलिस द्वारा IGRS जनसुनवाई के दौरान फोटो खिंचवाने के नए नियम को लेकर जो बयान दिया गया है, उसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोगों में इस फैसले को लेकर भारी आक्रोश है।

अब देखना यह है कि –
👉 क्या सरकार इस मामले पर कोई एक्शन लेगी?
👉 क्या पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी?
👉 या यह मामला धीरे-धीरे दबा दिया जाएगा?

जो भी हो, इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या यूपी सरकार ने IGRS जनसुनवाई के दौरान फोटो खिंचवाने का नियम लागू किया है?

उत्तर: फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा कोई आधिकारिक नियम सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह पुलिस द्वारा फरियादियों को डराने की कोशिश हो सकती है।

2. क्या इस मामले में SHO नितिन साहू पर कार्रवाई होगी?

उत्तर: अभी तक इस मामले में किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।

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