हरदोई, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां ऐतिहासिक ठाकुरद्वारा मंदिर से भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी कर ली गई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीनों आरोपियों—शरद कुमार, गरुण और शिवजीत—को गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना का विवरण
घटना हरदोई जिले के सांडी थाना क्षेत्र के बरौलिया गांव की है। 10 फरवरी 2025 की सुबह, जब मंदिर के पुजारी पूजा करने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि राम, सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्तियां गायब हैं। इस खबर के फैलते ही पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया और मंदिर में हुई इस चोरी के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्राथमिक जांच में पता चला कि चोरों ने देर रात मंदिर में प्रवेश किया और बड़ी सावधानी से मूर्तियों को चोरी कर ले गए। पुलिस ने तत्काल छानबीन शुरू की और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की।
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी
हरदोई पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की और तीन संदिग्धों—शरद कुमार, गरुण और शिवजीत—को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने मूर्तियों की चोरी की थी। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चोरी की गई मूर्तियों को बरामद कर लिया है।
अष्टधातु की मूर्तियों का महत्व
अष्टधातु, जो आठ धातुओं का मिश्रण होता है, का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह धातु आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत मूल्यवान मानी जाती है। चोरी हुई मूर्तियों की अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है। तस्करों द्वारा अष्टधातु की मूर्तियों को अवैध बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है, जिससे इस प्रकार की चोरी के मामलों में वृद्धि हो रही है।
मंदिर में घुसकर शरद कुमार, गरुण और शिवजीत ने “राम, सीता और लक्ष्मण” की अष्टधातु मूर्तियां चुरा ली
पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
UP के जिला हरदोई का मामला।
सवाल- क्या अपराधी का कोई धर्म होता है ? pic.twitter.com/xBrE25hByC
— कलम की चोट (@kalamkeechot) February 15, 2025
उत्तर प्रदेश में बढ़ती मूर्ति चोरी की घटनाएं
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से मूर्तियों की चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
- कौशांबी (2022): महेवा घाट थाना क्षेत्र में 95 करोड़ रुपये मूल्य की अष्टधातु की मूर्तियां बरामद की गईं और 10 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
- मिर्जापुर (2025): राम जानकी मंदिर से 30 करोड़ रुपये मूल्य की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई, जिसमें मंदिर के पुजारी समेत चार लोग गिरफ्तार किए गए।
- कानपुर (2024): एक प्राचीन मंदिर से भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति चोरी हो गई, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये थी।
क्या अपराधी का कोई धर्म होता है?
इस घटना ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न को जन्म दिया है: “क्या अपराधी का कोई धर्म होता है?” धर्म के नाम पर समाज में नफरत फैलाने वालों को समझना चाहिए कि अपराध किसी जाति या समुदाय से नहीं जुड़ा होता। अपराध केवल एक मानसिकता है, जिसे रोकने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।
समाज की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपाय
मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय इस प्रकार हो सकते हैं:
- सीसीटीवी कैमरे लगाना: हर मंदिर और धार्मिक स्थल पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगवाने चाहिए।
- रात में सुरक्षा गार्ड की तैनाती: मंदिरों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन को विशेष प्रबंध करने चाहिए।
- समुदाय की सतर्कता: ग्रामीणों और भक्तों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।
न्यायिक प्रक्रिया और सजा
गिरफ्तार आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 380 (चोरी), 457 (रात में घर में घुसपैठ) और 411 (चोरी का माल प्राप्त करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और न्यायालय में जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
हरदोई के ठाकुरद्वारा मंदिर में हुई मूर्ति चोरी की घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। यह केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर भी एक आघात है। हमें समझना होगा कि अपराध का कोई धर्म नहीं होता। इसके विरुद्ध सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। साथ ही, प्रशासन को धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।