Hindu Swabhiman Morcha convener Khushboo Pandey arrested

बिहार: जमुई में सांप्रदायिक हिंसा के बाद बढ़ा तनाव, हिंदू स्वाभिमान मोर्चा की संयोजक खुशबू पांडेय गिरफ्तार, VIDEO

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बिहार के जमुई जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने राज्य में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। इस घटना में धार्मिक संगठन ‘हिंदू स्वाभिमान मोर्चा’ की संयोजक खुशबू पांडेय और जमुई नगर परिषद के उपाध्यक्ष नीतीश साह समेत कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए खुशबू पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है, जिन पर भड़काऊ भाषण देने और आपत्तिजनक नारेबाजी करने का आरोप है।

घटना का विवरण

रविवार, 16 फरवरी 2025 की शाम को ‘हिंदू स्वाभिमान मोर्चा’ के लगभग 30 सदस्य बलियाडीह गांव में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद लौट रहे थे। इस दौरान, मस्जिद के पास से गुजरते समय, दूसरे समुदाय के सैकड़ों लोगों ने उन पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया। इस हमले में स्कॉर्पियो वाहन में सवार 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में जमुई नगर परिषद के उपाध्यक्ष नीतीश साह और संगठन की संयोजक खुशबू पांडेय प्रमुख हैं।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। जमुई एसपी के निर्देश पर इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और बलियाडीह एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में पुलिस कैंप कर रही है। माहौल बिगाड़ने वालों की गिरफ्तारी के लिए संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जमुई जिलाधिकारी ने इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।

खुशबू पांडेय की गिरफ्तारी

पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने और आपत्तिजनक नारेबाजी करने के आरोप में खुशबू पांडेय को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए तीन थानों की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इसके अलावा, नगर परिषद जमुई के उपाध्यक्ष नीतीश कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

घटना के बाद की स्थिति

इस घटना के बाद से इलाके में तनाव व्याप्त है। एक पक्ष के लोगों ने बाजार बंद कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। दोनों समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।

जमुई की यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक गंभीर चुनौती है। ऐसी घटनाएं समाज में विभाजन और अविश्वास को बढ़ावा देती हैं। आवश्यक है कि सभी समुदायों के लोग संयम बरतें और शांति एवं भाईचारे को बनाए रखने में सहयोग करें। प्रशासन को भी चाहिए कि वह त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए दोषियों को कानून के दायरे में लाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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