हाइलाइट्स
- Garuda Purana के अनुसार, मृत्यु से 7 दिन पहले व्यक्ति को कुछ विशेष संकेत मिलने लगते हैं।
- ये संकेत शरीर, मन और परिवेश में आने वाले बदलावों से जुड़े होते हैं।
- मृत्यु के ये लक्षण आत्मा के आगामी सफर की ओर इशारा करते हैं।
- धार्मिक ग्रंथों में इन संकेतों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
- हिंदू धर्म में Garuda Purana को मृत्यु और आत्मा के रहस्यों का भंडार माना जाता है।
गरुण पुराण में मृत्यु के संकेतों का रहस्य
हिंदू धर्म में Garuda Purana एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है, जो मृत्यु और आत्मा के सफर से जुड़े गूढ़ रहस्यों को उजागर करता है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु का समय नज़दीक आता है, तो उसके शरीर, मन और परिवेश में कुछ विशेष बदलाव दिखने लगते हैं। ये संकेत मृत्यु से ठीक सात दिन पहले ही प्रकट होने लगते हैं।
आइए जानते हैं कि गरुण पुराण के अनुसार मृत्यु से सात दिन पहले दिखने वाले सात संकेत कौन-कौन से होते हैं और इनका क्या महत्व है।
1. भोजन में अरुचि और स्वाद का बदलाव
Garuda Purana के अनुसार, मृत्यु के करीब पहुंचते ही व्यक्ति का भोजन के प्रति आकर्षण कम हो जाता है। उसे किसी भी प्रकार के भोजन में स्वाद नहीं आता, चाहे वह उसकी पसंदीदा चीज़ ही क्यों न हो। यह संकेत दर्शाता है कि शरीर धीरे-धीरे अपनी चेतना को छोड़ने की तैयारी करने लगता है।
2. छाया और प्रतिबिंब का धुंधला पड़ना
यदि किसी व्यक्ति को पानी, शीशे या किसी अन्य परावर्तक सतह में अपना प्रतिबिंब ठीक से नहीं दिखता या वह धुंधला प्रतीत होता है, तो इसे एक बड़ा संकेत माना जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, यह आत्मा की पृथ्वी से विदाई का सूचक होता है।
3. नाक, कान और आंखों का काम करना बंद होना
मृत्यु से ठीक सात दिन पहले व्यक्ति की इंद्रियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। उसकी सुनने, देखने और सूंघने की शक्ति क्षीण हो जाती है। वह आस-पास की आवाजें सही ढंग से नहीं सुन पाता और आंखों के सामने धुंधलापन आने लगता है। यह संकेत शरीर के ऊर्जा संतुलन में बदलाव का परिणाम होता है।
4. पालतू पशु-पक्षियों का व्यवहार असामान्य हो जाना
Garuda Purana के अनुसार, मृत्यु से पहले घर के पालतू पशु-पक्षी असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। वे उस व्यक्ति से दूर भागते हैं, उसे देखकर घबराने लगते हैं या लगातार उसके पास आकर अजीब व्यवहार करने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जानवरों में अदृश्य ऊर्जाओं को महसूस करने की क्षमता होती है।
5. शरीर का तापमान असमान्य हो जाना
गरुण पुराण के अनुसार, मृत्यु से कुछ दिन पहले व्यक्ति के शरीर का तापमान असमान्य रूप से कम या ज्यादा होने लगता है। कई बार बिना किसी कारण उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं या अत्यधिक गर्म महसूस होते हैं। यह संकेत शरीर की ऊर्जा का धीरे-धीरे समाप्त होने का सूचक है।
6. सपनों में दिव्य या मृत पूर्वजों का दिखना
यदि कोई व्यक्ति लगातार सपनों में अपने पूर्वजों को देखता है या कोई दिव्य आत्मा उसे बुलाने लगती है, तो यह मृत्यु का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, पूर्वज आत्मा का मार्गदर्शन करने के लिए उसे संकेत देते हैं ताकि वह अपने कर्मों का लेखा-जोखा कर सके।
7. चारों ओर शांति और आत्मिक अनुभव महसूस होना
मृत्यु से पहले व्यक्ति के मन में अचानक गहरी शांति या निर्विकार भाव उत्पन्न होने लगता है। वह सांसारिक चीज़ों से विरक्त महसूस करता है और अक्सर आत्मिक अनुभवों की चर्चा करने लगता है। Garuda Purana के अनुसार, यह संकेत आत्मा के एक नए सफर की तैयारी का संकेत होता है।
क्या मृत्यु के संकेत टाले जा सकते हैं?
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, मृत्यु अटल सत्य है और इसे कोई नहीं टाल सकता। लेकिन गरुण पुराण यह भी कहता है कि यदि व्यक्ति सच्चे मन से भगवान का स्मरण करता है, नियमित रूप से ध्यान और दान-पुण्य करता है, तो वह अपने आगामी जीवन के लिए अच्छे कर्म संचित कर सकता है।
Garuda Purana में वर्णित ये सात संकेत व्यक्ति को यह समझाने के लिए होते हैं कि मृत्यु केवल एक अंत नहीं, बल्कि आत्मा के नए सफर की शुरुआत है। इन संकेतों को जानकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और अंतिम समय को शांति से स्वीकार कर सकता है।