Garud Puran हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है, जिसमें मृत्यु और उसके बाद के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सिद्धांत बताए गए हैं। यह ग्रंथ हमें यह भी बताता है कि किसी मृत व्यक्ति की कौन-कौन सी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए और क्यों। आज हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि गरुड़ पुराण में इस संबंध में क्या कहा गया है।
गरुड़ पुराण क्या है?
Garud Puran हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है। इसे भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को सुनाया था। इसमें मृत्यु, पितृलोक, पुनर्जन्म, स्वर्ग-नरक, और आत्मा की यात्रा के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। इस ग्रंथ में मृत्यु के बाद आत्मा की स्थिति और कर्मों के अनुसार मिलने वाले फल का वर्णन मिलता है।
Garud Puran: मृत व्यक्ति की कौन-कौन सी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए?
गरुड़ पुराण के अनुसार, कुछ ऐसी वस्तुएं होती हैं जो मृत व्यक्ति से जुड़ी होती हैं और उन्हें जीवित व्यक्ति को नहीं रखना चाहिए। ये वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभाव ला सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी कौन-कौन सी वस्तुएं हैं:
1. मृत व्यक्ति के वस्त्र
गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी भी मृत व्यक्ति के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। मृत्यु के समय शरीर में कई तरह की नकारात्मक ऊर्जाएं प्रवेश कर जाती हैं, जो उन वस्त्रों में भी बनी रहती हैं। यदि कोई जीवित व्यक्ति इन वस्त्रों का उपयोग करता है, तो उस पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव पड़ सकता है और उसके जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।
2. मृत व्यक्ति के आभूषण और अंगूठी
कई बार परिवार के सदस्य मृत व्यक्ति के गहनों को यादगार के रूप में रखते हैं, लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसा करना उचित नहीं होता। गहनों में मृत आत्मा की ऊर्जा समाहित हो सकती है, जिससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. मृत व्यक्ति का बिस्तर और तकिया
मृत व्यक्ति का बिस्तर, चादर या तकिया कभी भी उपयोग नहीं करना चाहिए। इन वस्तुओं में मृत्यु के समय की नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे घर में अशांति आ सकती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी देखा जाए तो ऐसे वस्त्रों में बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
4. मृत व्यक्ति की कंघी और अन्य निजी वस्तुएं
मृत व्यक्ति की कंघी, चश्मा, घड़ी, मोबाइल फोन आदि निजी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। ये वस्तुएं उनकी ऊर्जा से प्रभावित हो सकती हैं और जीवित व्यक्ति पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।
5. मृत व्यक्ति की तस्वीरें
हालांकि किसी प्रियजन की याद में उनकी तस्वीरें रखना आम बात है, लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत व्यक्ति की तस्वीर को पूजा स्थल पर नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और परिवार में मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
6. मृत व्यक्ति के जूते-चप्पल
मृत व्यक्ति के जूते-चप्पल भी उपयोग नहीं करने चाहिए। ये वस्त्र न केवल भौतिक रूप से खराब हो सकते हैं, बल्कि इनमें मृत आत्मा की ऊर्जा भी समाहित हो सकती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन नियमों का महत्व
वैज्ञानिक दृष्टि से भी देखा जाए तो मृत व्यक्ति की वस्तुओं का उपयोग करना उचित नहीं है। इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:
- स्वास्थ्य संबंधी खतरे: कपड़े, जूते, और बिस्तर में बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं, जो बीमारी का कारण बन सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव: जब हम किसी मृत व्यक्ति की वस्तुओं को अपने पास रखते हैं, तो हमें उसकी यादें सताती हैं और इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
- नकारात्मक ऊर्जा: यह देखा गया है कि नकारात्मक विचारों और भावनाओं से घिरी वस्तुएं घर के वातावरण को भी प्रभावित कर सकती हैं।
क्या किया जाना चाहिए?
यदि आपके पास मृत व्यक्ति की वस्तुएं हैं और आप उन्हें छोड़ना चाहते हैं, तो इन उपायों को अपनाएं:
- दान कर दें: यदि वस्तुएं उपयोगी हैं, तो उन्हें किसी जरूरतमंद को दान कर देना सबसे अच्छा उपाय है।
- शुद्धिकरण करें: किसी भी वस्तु को रखने से पहले उसे गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करें।
- ध्यान और प्रार्थना करें: मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और परिवार के सदस्यों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने के लिए हवन करवाएं।
Garud Puran के अनुसार, मृत व्यक्ति की कुछ वस्तुएं न केवल अशुभ होती हैं, बल्कि उनके उपयोग से जीवन में परेशानियां भी आ सकती हैं। इनमें कपड़े, गहने, बिस्तर, जूते-चप्पल, और अन्य निजी वस्तुएं शामिल हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इन नियमों को मानना उचित है, क्योंकि ये स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए, हमें इन धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जीवन में सकारात्मकता बनाए रखनी चाहिए।