Fake female TTE arrested at Charbagh railway station

चारबाग रेलवे स्टेशन पर फर्जी महिला टीटीई गिरफ्तार: गूगल से बनाया फर्जी आईडी कार्ड, यात्रियों से कर रही थी वसूली

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश: चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और Government Railway Police (GRP) ने 22 वर्षीय काजल सरोज को फर्जी Travelling Ticket Examiner (TTE) के रूप में गिरफ्तार किया है। यह महिला यात्रियों से टिकट चेक कर अवैध रूप से पैसे वसूल रही थी। जब अधिकारियों को इस पर संदेह हुआ, तो मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

कैसे हुआ फर्जी टीटीई का खुलासा?

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के लेडीज वेटिंग रूम में यह महिला यात्रियों के टिकट चेक कर रही थी। यात्रियों को भी शक हुआ कि महिला टीटीई के पास रेलवे की वर्दी नहीं थी, केवल एक आईडी कार्ड लटका हुआ था। जब GRP अधिकारियों को इस बारे में सूचना मिली, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर महिला से पूछताछ की।

महिला ने खुद को टीटीई बताया, लेकिन जब अधिकारियों ने उसके आईडी कार्ड की जांच की, तो वह फर्जी पाया गया। इसके बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई।

गूगल से डाउनलोड किया फर्जी आईडी कार्ड

पूछताछ के दौरान काजल सरोज ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसने रेलवे टीटीई का आईडी कार्ड गूगल से डाउनलोड किया, उसे एडिट किया और फिर प्रिंट कर लिया। इस फर्जी पहचान के जरिए वह रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से टिकट चेक करने लगी और पैसे वसूलने लगी।

रेलवे स्टेशन पर किसी ने भी इस पर शक नहीं किया, क्योंकि यात्रियों को लगा कि यह महिला टीटीई रेलवे द्वारा अधिकृत है। लेकिन जब कुछ लोगों ने इसकी शिकायत की, तो रेलवे अधिकारियों ने कार्रवाई की और महिला को रंगे हाथों पकड़ लिया।

फर्जी टीटीई बनने का मकसद: पैसे की अवैध वसूली

पुलिस पूछताछ में काजल सरोज ने बताया कि उसका मकसद सिर्फ पैसे कमाना था। उसने बताया कि वह आर्थिक तंगी से गुजर रही थी और उसने रेलवे स्टेशन पर फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से अवैध वसूली करने का प्लान बनाया।

यह घटना रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। किसी भी व्यक्ति के लिए रेलवे में इस तरह फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से पैसे वसूलना एक गंभीर अपराध है।

रेलवे सुरक्षा में गंभीर चूक

इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। कोई भी व्यक्ति इंटरनेट से आईडी कार्ड डाउनलोड करके खुद को रेलवे अधिकारी साबित कर सकता है, तो यह यात्रियों के लिए एक गंभीर खतरा है। रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

रेलवे को उठाने होंगे ये ठोस कदम:

  1. आईडी कार्ड वेरिफिकेशन सिस्टम: रेलवे को अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के आईडी कार्ड को QR कोड या डिजिटल वेरिफिकेशन के माध्यम से प्रमाणित करना चाहिए।
  2. यात्रियों को जागरूक करना: यात्रियों को यह जानकारी दी जानी चाहिए कि किसी भी रेलवे अधिकारी से उनकी पहचान पत्र की पुष्टि कैसे करें।
  3. सुरक्षा बढ़ाना: रेलवे स्टेशनों पर GRP और RPF की सक्रियता को और बढ़ाना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

यात्रियों के लिए जरूरी सावधानियां

यदि आप रेलवे स्टेशन पर सफर कर रहे हैं, तो कुछ जरूरी सावधानियां बरतें:

  • रेलवे अधिकारी की वर्दी और आईडी कार्ड की सही जांच करें।
  • किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से टिकट चेक न करवाएं।
  • यदि कोई व्यक्ति संदेहास्पद लगे, तो तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) या GRP को सूचित करें।
  • डिजिटल भुगतान का उपयोग करें और अनावश्यक रूप से नकद लेन-देन से बचें।

FIR दर्ज, आगे की कार्रवाई जारी

GRP ने काजल सरोज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और यह भी पता लगाया जाएगा कि इस तरह की और भी घटनाएं हुई हैं या नहीं।

निष्कर्ष: रेलवे सुरक्षा में सुधार की जरूरत

चारबाग रेलवे स्टेशन पर फर्जी टीटीई की गिरफ्तारी रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती है। यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सुरक्षा नियमों को सख्त किया जाना चाहिए।

रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वे अपने अधिकारियों की पहचान को डिजिटल माध्यम से प्रमाणित करने की प्रक्रिया शुरू करें। यात्रियों को भी सतर्क रहना चाहिए और यदि कोई संदेहास्पद गतिविधि दिखे तो तुरंत रेलवे सुरक्षा बल को सूचित करना चाहिए।

क्या करें यदि आपको कोई फर्जी अधिकारी दिखे?

  1. आईडी कार्ड की जांच करें – रेलवे अधिकारी के आईडी कार्ड को ध्यान से देखें और उसकी वैधता की पुष्टि करें।
  2. रेलवे हेल्पलाइन पर कॉल करें – रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर तुरंत कॉल करें और संदेहास्पद व्यक्ति के बारे में सूचना दें।
  3. GRP या RPF से संपर्क करें – यदि कोई व्यक्ति अवैध वसूली कर रहा है, तो तुरंत रेलवे सुरक्षा बल को सूचित करें।

इस घटना ने दिखाया कि कैसे फर्जी आईडी कार्ड का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति रेलवे अधिकारी बन सकता है। यह न केवल रेलवे के लिए बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। रेलवे को सुरक्षा उपायों को कड़ा करना चाहिए और यात्रियों को भी सतर्क रहना चाहिए।

इस खबर से यह भी स्पष्ट होता है कि इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। यह जरूरी है कि डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए और सरकार इस तरह के फर्जी दस्तावेज बनाने पर सख्त कार्रवाई करे।

यह खबर आपके लिए कितनी उपयोगी लगी? हमें कमेंट में बताएं!

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