हाइलाइट्स:
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता की ईदगाह में पहुंचीं और मुस्लिम समुदाय को Eid Mubarak कहा।
- अपने भाषण में उन्होंने भाईचारे और एकता की बात करते हुए सभी धर्मों के सम्मान पर जोर दिया।
- ममता बनर्जी ने कहा, “हम हर धर्म के लिए खड़े हैं और हर किसी को साथ लेकर चलना ही हमारा उद्देश्य है।”
- राजनीतिक दलों ने उनके इस कदम को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ दीं।
- मुस्लिम समुदाय में उनके इस दौरे को लेकर सकारात्मक उत्साह देखने को मिला।
ममता बनर्जी का ईदगाह दौरा: “Eid Mubarak” कहते हुए दिया एकता का संदेश
कोलकाता: ईद-उल-फितर के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता की टॉपसिया ईदगाह पहुंचीं और हजारों नमाजियों को Eid Mubarak कहा। इस दौरान उन्होंने लोगों से मुलाकात की और एकता व भाईचारे का संदेश दिया।
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा:
“हम सभी एक परिवार की तरह हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई – सभी धर्मों का सम्मान करना हमारी संस्कृति की पहचान है। मैं आप सभी को दिल से Eid Mubarak कहती हूँ और दुआ करती हूँ कि यह त्योहार सभी के जीवन में खुशहाली लाए।”
उनका यह बयान लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
ईदगाह में उमड़ी भारी भीड़, मुख्यमंत्री के आगमन से बढ़ा उत्साह
ईद के मौके पर कोलकाता की ईदगाह में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। जैसे ही मुख्यमंत्री वहाँ पहुंचीं, लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। उन्होंने वहाँ मौजूद लोगों से हाथ मिलाया और छोटे बच्चों को मिठाइयाँ भी बांटी।
ईदगाह में दिए गए उनके संदेश ने जनता को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा:
“यह त्योहार न सिर्फ खुशी और भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि यह हमें इंसानियत और प्रेम का संदेश भी देता है। हम सभी को साथ मिलकर रहना चाहिए। मैं फिर से आप सभी को Eid Mubarak कहती हूँ।”
लोगों ने ‘ममता दीदी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए, जिससे वहाँ का माहौल और भी जोशीला हो गया।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ
बीजेपी ने उठाए सवाल
बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री के इस कदम को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा:
“ममता बनर्जी हर चुनाव से पहले मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं। Eid Mubarak कहना अच्छी बात है, लेकिन क्या वह सभी समुदायों के त्योहारों पर इसी तरह मौजूद रहती हैं?”
टीएमसी का जवाब
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी हमेशा से सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देती आई हैं। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा:
“ममता बनर्जी सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए खड़ी रहती हैं। उन्होंने दिवाली, क्रिसमस और गुरुपर्व पर भी बधाई दी है।”
क्या लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा असर?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ममता बनर्जी का यह कदम मुस्लिम वोट बैंक को और मजबूत कर सकता है। पश्चिम बंगाल में करीब 30% मुस्लिम मतदाता हैं, जो चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
- मुस्लिम बहुल इलाकों में TMC का समर्थन बढ़ सकता है।
- विपक्षी दल इसे तुष्टिकरण करार दे सकते हैं।
- बंगाल की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक मुद्दे गरमा सकते हैं।
हालांकि, जनता का बड़ा हिस्सा इसे सांप्रदायिक सौहार्द्र और सामाजिक एकता की दिशा में उठाया गया कदम मानता है।
राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए यह संदेश
ईदगाह में ममता बनर्जी का दौरा और उनका Eid Mubarak कहना निश्चित रूप से सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। लेकिन इससे हटकर अगर देखा जाए, तो यह भाईचारे और सौहार्द्र को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक प्रयास था।
राजनीति से परे, अगर सभी नेता हर धर्म और समुदाय का सम्मान करें, तो यह देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता को मजबूत करेगा।