हाथरस, उत्तर प्रदेश—हाथरस जिले में एक महिला राशन डीलर के पति द्वारा गरीब लाभार्थियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में, राशन लेने आई एक महिला के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग और धमकाने की घटना कैद हुई है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और प्रशासन में आक्रोश पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला राशन लेने के लिए दुकान पर पहुंचती है। राशन डीलर के पति, जो दुकान का संचालन कर रहे थे, ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, उसका राशन कार्ड फेंक दिया और उसे अपमानित करते हुए दुकान से भगा दिया। इस दौरान, उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और महिला को धमकाया।
स्थानीय प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जिन गरीबों के बल पर राशन डीलर मोटी कमाई कर रहे हैं, उन्हीं के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
हाथरस राशन दुकानदार जिन गरीबों के बल पर कर रहा है मोटी कमाई उन्हीं से दबंगई
महिला राशन डीलर के पति की गुंडई आई सामने, राशन लेने पहुंची महिला का दबंग ने राशन कार्ड फेंका
राशन डीलर के दबंग पति ने महिला को भगाया, महिला को धमकाने,अभद्र भाषा का वीडियो वायरल@dm_hathras @UPGovt pic.twitter.com/F4O5P3rXmf
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) February 14, 2025
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो के आधार पर, जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, प्रशासन ने सभी राशन डीलरों को निर्देश दिया है कि वे लाभार्थियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें और किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
राशन वितरण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
यह घटना उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। गरीब और वंचित वर्गों के लिए राशन वितरण एक महत्वपूर्ण सेवा है, लेकिन इस तरह की घटनाएं इस प्रणाली की खामियों को दर्शाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राशन डीलरों की नियमित निगरानी, पारदर्शिता और लाभार्थियों की शिकायतों के त्वरित निवारण से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
हाथरस की यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। गरीबों और वंचितों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आवश्यक है कि प्रशासन, समाज और संबंधित अधिकारी मिलकर ऐसे कदम उठाएं जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और सभी को उनका हक सम्मानपूर्वक मिले।