कुशीनगर, उत्तर प्रदेश – एक हर्षोल्लास से भरे विवाह समारोह में डीजे पर डांस को लेकर हुए विवाद ने दुखद मोड़ ले लिया, जब बारातियों ने दुल्हन के भाई अजय पासवान की चाकू मारकर हत्या कर दी। इस घटना में बीच-बचाव करने आए दो अन्य लोग भी घायल हो गए।
घटना का विवरण
यह घटना कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र के पैकौली लाला गांव में बुधवार रात लगभग एक बजे हुई। दुल्हन संजना की शादी देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के जोगिया गांव के दीपक से तय हुई थी। द्वारपूजा और जयमाला जैसे कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके थे, और गुरहथन का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान, दरवाजे पर बज रहे डीजे को लड़की पक्ष के लोगों ने बंद करा दिया, जिससे वर पक्ष के लोग नाराज हो गए। नाराजगी बढ़ते-बढ़ते गाली-गलौज और फिर हाथापाई में बदल गई। इस बीच, बारातियों ने धारदार चाकू से हमला कर दिया, जिसमें दुल्हन के भाई अजय पासवान (22) की मौत हो गई, जबकि उसका छोटा भाई सत्यम (17) और रिश्तेदार रामा (30) गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों का उपचार
घायलों को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुकरौली ले जाया गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। रास्ते में अजय पासवान ने दम तोड़ दिया, जबकि सत्यम और रामा का इलाज गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में जारी है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही हाटा कोतवाली के प्रभारी सुशील कुमार शुक्ला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और वर पक्ष के आठ लोगों को हिरासत में ले लिया है। दूल्हा दीपक और अन्य बाराती घटना के बाद से फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
परिवार का हाल
भाई की मौत के बाद दुल्हन संजना का रो-रोकर बुरा हाल है। शादी की खुशियां मातम में बदल गईं, और बिना फेरे के ही बारात वापस लौट गई।
सामाजिक और कानूनी पहलू
इस घटना ने समाज में बढ़ती असहिष्णुता और छोटी-छोटी बातों पर हिंसा की प्रवृत्ति को उजागर किया है। विवाह जैसे पवित्र समारोह में इस प्रकार की हिंसा न केवल परिवारों के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंताजनक है। कानूनी दृष्टिकोण से, पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से सबूत जुटाए हैं, ताकि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके।
कुशीनगर की यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे आनंद और उत्सव के माहौल में भी असहिष्णुता और आक्रोश विनाशकारी परिणाम ला सकते हैं। समाज के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे संयम बरतें और विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं, ताकि इस प्रकार की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।