चेन्नई के उद्यमी अनीस अहमद ने नारियल के छिलकों से कोकोपीट (Cocopeat) बनाकर ‘ग्लोबल ग्रीन’ नामक स्टार्टअप की स्थापना की है, जो सालाना लगभग 75 करोड़ रुपये का कारोबार करता है। उनका यह अभिनव प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है।
‘ग्लोबल ग्रीन’ की स्थापना और उद्देश्य
अनीस अहमद, जो बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक हैं, ने 2014 में ‘ग्लोबल ग्रीन’ की नींव रखी। इस स्टार्टअप का मुख्य उद्देश्य नारियल के छिलकों से कोकोपीट तैयार करना है, जो मिट्टी का एक उत्कृष्ट विकल्प है और पौधों की वृद्धि में सहायक है। कोकोपीट का उपयोग कॉयर पॉट, ईंट, ब्लॉक और ग्रो बैग बनाने में किया जाता है, जिससे कृषि और बागवानी में इसका व्यापक उपयोग होता है।
कोकोपीट: पर्यावरण के अनुकूल समाधान
कोकोपीट, नारियल के छिलकों से प्राप्त एक प्राकृतिक उत्पाद है, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ-साथ जल धारण क्षमता में भी सुधार करता है, जिससे पौधों की वृद्धि में सहायता मिलती है। इसके उपयोग से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है, जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उत्पादन प्रक्रिया
‘ग्लोबल ग्रीन’ में कोकोपीट उत्पादन की प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं। पहले, नारियल के छिलकों को एकत्रित किया जाता है और उन्हें पानी में धोकर सभी अशुद्धियों को हटाया जाता है। इसके बाद, इन छिलकों को सुखाकर उनका चूरा बनाया जाता है। इस चूरे से ब्लॉक, डिस्क और ग्रो बैग तैयार किए जाते हैं, जिन्हें विभिन्न कृषि और बागवानी कार्यों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, कंपनी विशेष आवश्यकताओं के अनुसार कोकोपीट में पोषक तत्व मिलाकर कस्टमाइज्ड उत्पाद भी तैयार करती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सफलता
‘ग्लोबल ग्रीन’ के उत्पादों की मांग न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी है। विशेष रूप से यूरोप में, जहां मिट्टी की उर्वरता कम है, वहां कोकोपीट की भारी मांग है। अनीस अहमद की कंपनी अपने उत्पादों का निर्यात कई देशों में करती है, जिससे उन्हें सालाना 75 करोड़ रुपये की आय होती है।
प्रेरणा और भविष्य की योजनाएं
अनीस अहमद को बचपन से ही प्रकृति और बागवानी का शौक था। उनके पिता नारियल के व्यापार में थे, जिससे उन्हें इस क्षेत्र की गहन जानकारी मिली। पढ़ाई के दौरान, उन्होंने कोकोपीट के बारे में अध्ययन किया और पाया कि यह पीट मॉस का एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। इससे प्रेरित होकर, उन्होंने ‘ग्लोबल ग्रीन’ की स्थापना की। भविष्य में, अनीस का उद्देश्य अपने उत्पादों की गुणवत्ता में और सुधार करना और अधिक से अधिक किसानों तक इसे पहुंचाना है, ताकि कृषि क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।
अनीस अहमद की कहानी इस बात का प्रमाण है कि नवाचार और दृढ़ संकल्प से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। नारियल के छिलकों से कोकोपीट बनाकर उन्होंने न केवल एक सफल व्यवसाय स्थापित किया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कृषि सुधार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका यह प्रयास अन्य उद्यमियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल समाधानों की खोज में हैं।