मेरठ, उत्तर प्रदेश – शास्त्रीनगर के कुटी चौराहे पर एक दर्दनाक घटना में, चाइनीज मांझे की वजह से बाइक सवार साजिद की गर्दन, कान और उंगलियां कट गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना का विवरण
साजिद शाम के समय अपने घर लौट रहे थे, जब अचानक कुटी चौराहे पर उनकी बाइक चाइनीज मांझे की चपेट में आ गई। तेज धार वाले इस मांझे ने उनकी गर्दन, कान और उंगलियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है।
चाइनीज मांझे का खतरा
चाइनीज मांझा, जो नायलॉन या प्लास्टिक से बना होता है, पारंपरिक सूती मांझे की तुलना में अधिक मजबूत और धारदार होता है। इसमें कांच या धातु के टुकड़े मिलाए जाते हैं, जिससे यह बेहद खतरनाक हो जाता है। पतंगबाजी के दौरान इसका उपयोग न केवल अन्य पतंगबाजों के लिए, बल्कि राहगीरों और वाहन चालकों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
प्रशासनिक प्रयास और विफलता
हालांकि प्रशासन ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसके बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद और अमरोहा में इसकी बिक्री धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय बाजारों में यह आसानी से उपलब्ध है, और लोग सस्ते दामों पर इसे खरीद रहे हैं। प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद, चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
लगातार हो रही दुर्घटनाएं
चाइनीज मांझे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सड़क पर चलते समय या वाहन चलाते समय अचानक मांझे की चपेट में आने से लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। कई मामलों में तो लोगों की जान तक चली गई है। इसके अलावा, बिजली के तारों में फंसकर यह मांझा शॉर्ट सर्किट और आगजनी जैसी घटनाओं का कारण भी बनता है।
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चाइनीज मांझे से होने वाली चोटें बेहद गंभीर होती हैं। तेज धार के कारण यह त्वचा को गहराई तक काट देता है, जिससे नसें, मांसपेशियां और कभी-कभी हड्डियां भी प्रभावित होती हैं। ऐसी चोटों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है और संक्रमण का खतरा भी बना रहता है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी बिक्री करें। साथ ही, यदि कहीं इसकी बिक्री होती है, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें। प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि चाइनीज मांझे की बिक्री या उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जन जागरूकता की आवश्यकता
चाइनीज मांझे के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक संगठनों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। साथ ही, मीडिया के माध्यम से भी इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्रसारित की जानी चाहिए, ताकि लोग इसके उपयोग से बचें और दूसरों को भी सावधान करें।
वैकल्पिक समाधान
पतंगबाजी हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, लेकिन इसे सुरक्षित तरीके से किया जाना चाहिए। पारंपरिक सूती मांझे का उपयोग एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, जो पर्यावरण के लिए भी हानिकारक नहीं है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे चाइनीज मांझे की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं और वैकल्पिक सुरक्षित मांझों को बढ़ावा दें।
चाइनीज मांझे के कारण हो रही दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं। साजिद की घटना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को उजागर किया है। आवश्यक है कि प्रशासन, समाज और प्रत्येक नागरिक मिलकर इसके खिलाफ कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।