हाइलाइट्स:
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा Caste Violence से जुड़ा वीडियो, इंसानियत को किया शर्मसार
- युवक जबरन बुलवाता है ‘जय श्रीराम’ और ‘ठाकुर चमारों के बाप हैं’, फिर करता है बेरहमी से पिटाई
- वीडियो में पीड़ित व्यक्ति जातिसूचक शब्द बोलने को मजबूर होता दिख रहा है
- दलित संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश, आरोपी की गिरफ्तारी की माँग
- Caste Violence पर राजनीति भी गर्म, विपक्ष ने सरकार से मांगा जवाब
Caste Violence का शर्मनाक वीडियो वायरल, जाति के नाम पर इंसानियत शर्मसार
उत्तर प्रदेश में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें Caste Violence ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक युवक द्वारा एक व्यक्ति को पीटते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह जबरन ‘जय श्रीराम’ और ‘ठाकुर चमारों के बाप हैं’ बुलवाता नजर आता है। इसके बाद उस व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की जाती है।
यह वीडियो न केवल संविधान के मूल्यों का अपमान करता है बल्कि Caste Violence की जड़ें कितनी गहरी हैं, यह भी उजागर करता है।
घटना का विवरण और Caste Violence का प्रसार
वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि एक युवक किसी गरीब, कमजोर व्यक्ति को पहले धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करता है, और फिर उसे जातिसूचक गालियाँ बोलने को कहता है। जब पीड़ित विरोध करता है, तो उसे लात-घूंसे और थप्पड़ों से पीटा जाता है।
यह पूरा मामला Caste Violence का एक जीवंत उदाहरण है, जहाँ जातिगत श्रेष्ठता के अहंकार में इंसानियत को पैरों तले रौंदा जा रहा है। घटना के बाद से समाज में गुस्सा और तनाव का माहौल है।
पीड़ित की पहचान और मानसिक स्थिति
वीडियो में पीड़ित की पहचान एक दलित व्यक्ति के रूप में हुई है, जो दिहाड़ी मजदूर बताया जा रहा है। इस अमानवीय व्यवहार के बाद उसकी मानसिक स्थिति बेहद खराब है। परिवार का कहना है कि वह गहरे सदमे में है और घर से बाहर निकलने से भी डर रहा है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि Caste Violence न केवल शारीरिक चोट पहुँचाता है, बल्कि पीड़ित के आत्मसम्मान को भी चकनाचूर करता है।
पुलिस की भूमिका और अब तक की कार्रवाई
वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने मामला दर्ज किया है और आरोपी की पहचान कर ली गई है। Caste Violence और SC/ST Act के तहत FIR दर्ज की गई है।
पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने इस वीडियो को गंभीरता से लिया है। यह घटना न केवल अपराध है बल्कि समाजिक ताने-बाने पर हमला है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
Caste Violence के बढ़ते मामलों पर सवाल
बीते कुछ वर्षों में Caste Violence के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चाहे हाथरस की घटना हो या उन्नाव की, हर बार दलितों पर अत्याचार की खबरें आई हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में हर दिन औसतन 10 से अधिक Caste Violence के मामले दर्ज होते हैं।
सामाजिक संगठनों का विरोध और मांग
घटना के वायरल होने के बाद कई दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि Caste Violence के मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी नहीं बल्कि सख्त सज़ा और सामाजिक जागरूकता की भी जरूरत है।
दलित नेता रमेश पासवान ने कहा, “हमारा संविधान हमें समानता का अधिकार देता है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। Caste Violence के खिलाफ हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा।”
जय श्री राम बोलो जय श्री राम बोलो…
चमारों का बाप है ठाकुर, बोलो चमारों का बाप ठाकुर हैं।
इस तरह से धर्म और जाति के रक्षा करते हुए मुगल पुत्र।
यह वीडियो कहां का है कोई बताएगा क्या🤔 pic.twitter.com/TarCA8j9WQ
— ROHIT KUMAR PASWAN (@RohitKPaswan) April 9, 2025
मानसिकता में बदलाव की जरूरत
Cast Violence सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि सोच और मानसिकता का भी सवाल है। जब तक जाति के नाम पर श्रेष्ठता और हीनता का भाव खत्म नहीं होता, तब तक ऐसे वीडियो सामने आते रहेंगे।
शिक्षा, संवाद और सहिष्णुता ही ऐसे विकृत मानसिकता का उत्तर हो सकती है। समाज को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में चुप्पी न साधे, बल्कि पीड़ितों के साथ खड़ा हो।
राजनीति भी हुई सक्रिय
घटना के बाद से राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियों ने इसे योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर असफलता बताते हुए सदन में सवाल उठाए हैं।
सपा नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “Caste Violence का यह वीडियो उत्तर प्रदेश की असलियत है। यह कानून व्यवस्था नहीं, जंगलराज है।”
क्या जागेगा समाज?
Cast Violence का यह ताजा मामला फिर एक बार देश की आत्मा को झकझोर गया है। सवाल यह है कि क्या हम जाति के नाम पर होने वाले अत्याचारों को केवल वीडियो और खबरों तक सीमित रखेंगे या उनके खिलाफ कोई ठोस सामाजिक आंदोलन भी खड़ा करेंगे?