हाइलाइट्स:
- संपत्ति विवाद में Brutal Murder, बजरंग दल नेता की गला रेतकर हत्या
- शव को दफनाने के लिए कमरे में खुदवाया गया पांच फीट गहरा गड्ढा
- परिवारवालों ने Brutal Murder को छिपाने के लिए गुलदार हमले की कहानी रची
- पुलिस को मृतक के मामा ने दी सूचना, तब जाकर हुआ मामला उजागर
- पिता, सौतेली मां, बहन-भाई सभी पर Brutal Murder में शामिल होने का आरोप
बिजनौर में परिवार बना जल्लाद, संपत्ति विवाद में बजरंग दल नेता की Brutal Murder
उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। बजरंग दल के गोरक्षा जिला प्रमुख सतेंद्र उर्फ मोंटी बजरंगी की Brutal Murder कर दी गई। यह हत्या किसी बाहरी हमलावर ने नहीं, बल्कि उसके अपने ही परिवारवालों ने की। संपत्ति विवाद को लेकर पिता, सौतेली मां, सौतेला भाई, बहन और बहनोई पर इस निर्मम हत्या का आरोप लगा है।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि हत्या के बाद शव को घर में ही दफनाने की तैयारी थी। कमरे में पांच फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था, लेकिन योजना उस समय फेल हो गई जब मृतक के मामा ने शक जताकर पुलिस को सूचना दी।
घर बना कत्लगाह: परिवार की साजिश की कहानी
घटना बिजनौर के मंडावर थाना क्षेत्र की है, जहां 30 वर्षीय सतेंद्र उर्फ मोंटी बजरंगी अपने पिता बलराज के साथ रहता था। बजरंग दल में सक्रिय होने के साथ-साथ वह गोरक्षा के मामलों में अग्रणी भूमिका निभाता था।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सतेंद्र की अपने परिवारवालों से लंबे समय से संपत्ति को लेकर अनबन चल रही थी। इसी विवाद ने धीरे-धीरे Brutal Murder की साजिश का रूप ले लिया।
हत्या के दिन सतेंद्र को उसके ही घर में बुलाया गया, जहां किसी धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया गया। आरोप है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी परिवारवालों ने शव को ठिकाने लगाने के लिए कमरे में ही एक गहरा गड्ढा खोदा।
Brutal Murder को छुपाने के लिए ‘गुलदार’ का झूठा ड्रामा
हत्या के बाद आरोपियों ने पुलिस और समाज को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि सतेंद्र की मौत जंगल में गुलदार के हमले में हुई है।
लेकिन सतेंद्र के मामा भागेंद्र को इस कहानी पर शक हुआ। उन्होंने पुलिस को सतेंद्र के गायब होने और संदिग्ध हालातों की सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो घर में खून के धब्बे और खुदाई देखकर सब कुछ साफ हो गया।
मौके पर फॉरेंसिक टीम ने जांच शुरू की, और फिर सतेंद्र का शव बरामद हुआ। यह खुलासा Brutal Murder को पूरी तरह उजागर करने वाला मोड़ साबित हुआ।
पुलिस कार्रवाई: एक गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
भागेंद्र द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में सतेंद्र के पिता बलराज, सौतेली मां मधुबाला, सौतेला भाई मानव उर्फ बंटू, बहन शालू और बहनोई अनुज को नामजद किया गया है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी बंटू को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने Brutal Murder की बात स्वीकार कर ली है और बताया कि गला काटने में वह और उसके पिता शामिल थे।
अन्य आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश में पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। बिजनौर एसपी ने कहा है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सामाजिक और राजनीतिक हलकों में आक्रोश
बजरंग दल से जुड़ी होने के कारण यह Brutal Murder राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गई है। हिंदू संगठनों और स्थानीय नेताओं ने इसे “धार्मिक कार्यकर्ताओं को दबाने की साजिश” बताते हुए न्याय की मांग की है।
वहीं, आम जनता में भी आक्रोश है कि एक सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या उसके ही परिवार द्वारा कर दी गई और उसे दफनाने की भी साजिश की गई।
हत्या के पीछे की परतें: क्या सिर्फ संपत्ति विवाद था कारण?
पुलिस जांच में यह बात सामने आ रही है कि सतेंद्र को उसके पिता से जायदाद का बड़ा हिस्सा मिलने वाला था, जिससे उसके सौतेले भाई और मां नाराज़ थे।
लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि हत्या के पीछे कुछ और गहरे राज भी हो सकते हैं, जैसे पारिवारिक ईर्ष्या, राजनीतिक मतभेद या पुरानी रंजिश।
अधिकारियों ने कहा है कि Brutal Murder से जुड़ा हर पहलू जांच में शामिल किया जाएगा और किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर उबाल: लोग मांग रहे न्याय
इस Brutal Murder की खबर जैसे ही वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर पर #JusticeForMonty और #BrutalMurder ट्रेंड करने लगा।
लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की है कि इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को सख्त सजा दी जाए और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।
क्या वाकई कोई सुरक्षित है जब परिवार ही बना दुश्मन?
सतेंद्र की Brutal Murder केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती आत्मीयता की कमी और संपत्ति के लिए रिश्तों की हत्या का प्रतीक बन गई है।
जब परिवार के भीतर ही विश्वास टूटने लगे, तब सबसे बड़ा खतरा वहीं से उपजता है। इस घटना ने समाज, कानून और राजनीति—तीनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस Brutal Murder को कितनी गंभीरता से लेकर दोषियों को सजा दिला पाता है, या यह मामला भी कई अन्य मामलों की तरह समय के साथ धुंधला हो जाएगा।