हाइलाइट्स:
- BJP leader Akhilesh Pratap पर गैंगरेप, मारपीट और वीडियो बनाने के गंभीर आरोप
- युवती अपने मंगेतर के साथ घूमने गई थी, तभी हुआ वारदात
- आरोपियों ने युवती को निर्वस्त्र कर बनाया वीडियो
- पुलिस में दर्ज हुई FIR, BJP नेता फरार
- पीड़िता ने मीडिया के सामने बयान दिया, माँगी न्याय की गुहार
यूपी में BJP नेता पर गंभीर आरोप: सामने आई इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना
उत्तर प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस मामले के केंद्र में हैं BJP leader Akhilesh Pratap, जिन पर एक युवती ने गैंगरेप, मारपीट और निर्वस्त्र कर वीडियो बनाने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। यह मामला न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठा रहा है।
मामला क्या है?
एक सामान्य दिन बना भयावह अनुभव
यह घटना तब घटी जब एक युवती अपने मंगेतर के साथ एक शांत इलाके में घूमने गई थी। युवती के मुताबिक, तभी वहाँ BJP leader Akhilesh Pratap अपने कुछ साथियों के साथ आया और बिना किसी उकसावे के हमला कर दिया।
उनके साथ मारपीट की गई, युवती को जबरदस्ती खींचकर एक सुनसान जगह ले जाया गया। वहीं, उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया गया और उसके बाद गैंगरेप किया गया। पीड़िता के अनुसार, इस पूरे कृत्य में BJP leader Akhilesh Pratap मुख्य भूमिका में था।
ये BJP का संस्कारी नेता अखिलेश प्रताप है.
यूपी की एक लड़की ने पुलिस को बताया कि BJP नेता अखिलेश और उसके साथियों ने उसका गैंगरेप किया.
लड़की अपने मंगेतर के साथ घूमने गई. वहीं, अखिलेश अपने गुर्गों के साथ पहुंच गया.
मारपीट की, लड़की को नंगा करके वीडियो बनाया, फिर गैंगरेप किया. pic.twitter.com/YzEtUedlkP
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) April 14, 2025
पुलिस कार्रवाई और FIR
दर्ज हुई शिकायत, BJP नेता फरार
युवती ने अपने मंगेतर के साथ मिलकर तुरंत पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है जिसमें BJP leader Akhilesh Pratap और उसके चार अन्य साथियों के नाम शामिल हैं।
FIR की प्रतिलिपि के अनुसार, यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 376D (गैंगरेप), 354B (महिला की मर्यादा भंग करना), 506 (धमकी देना), और 67A (आईटी एक्ट के तहत अश्लील सामग्री बनाना और प्रसारित करना) के तहत दर्ज किया गया है।
हालांकि, खबर लिखे जाने तक BJP leader Akhilesh Pratap फरार है और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
राजनीति में उबाल: BJP की चुप्पी सवालों के घेरे में
पार्टी ने अब तक नहीं दिया कोई आधिकारिक बयान
इस पूरे मामले में बीजेपी की तरफ से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जब एक वरिष्ठ नेता से सवाल पूछा गया कि BJP leader Akhilesh Pratap पर लगे गंभीर आरोपों को पार्टी कैसे देखती है, तो उन्होंने “मामला जांच के अधीन है” कहकर बात टाल दी।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जमकर उछाला है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। सपा प्रवक्ता ने कहा, “जब BJP leader Akhilesh Pratap जैसे लोग खुलेआम अपराध करें और सरकार खामोश रहे, तो यह लोकतंत्र नहीं, जंगलराज है।”
पीड़िता का बयान: न्याय की आस
वीडियो वायरल होने का डर, मानसिक तनाव में पीड़िता
पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे अब हर पल डर लगता है। उन्होंने मेरा वीडियो बनाया है। मुझे धमकी दी जा रही है कि अगर मैंने मुँह खोला, तो वीडियो वायरल कर देंगे। लेकिन अब चुप नहीं रहूंगी।”
उसने आगे कहा, “मैं चाहती हूँ कि BJP leader Akhilesh Pratap को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले। सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर लड़की की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।”
क्या कहता है कानून?
गैंगरेप और अश्लील वीडियो मामले में सख्त प्रावधान
भारतीय दंड संहिता के अनुसार गैंगरेप अपराध के लिए उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है। वहीं, महिला की बिना सहमति वीडियो बनाना और प्रसारित करना आईटी एक्ट की धारा 67A के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसमें सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
यदि यह सिद्ध हो गया कि BJP leader Akhilesh Pratap ने यह कृत्य किया है, तो उसे कठोरतम दंड मिल सकता है।
सोशल मीडिया में उबाल
ट्रेंड कर रहा है #JusticeForVictim
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। ट्विटर (अब X) पर #JusticeForVictim और #BJPleaderAkhileshPratap ट्रेंड कर रहे हैं। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और बीजेपी से जवाबदेही चाहते हैं।
क्या होगी न्याय की दिशा?
BJP leader Akhilesh Pratap पर लगे आरोप न सिर्फ गंभीर हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि निष्पक्ष जांच हो, और अगर आरोपी दोषी पाया जाए तो सख्त से सख्त सजा दी जाए।
यह मामला दर्शाता है कि सत्ता में होने से किसी को कानून से ऊपर नहीं माना जा सकता। जनता अब जागरूक है और न्याय की मांग कर रही है। देखना यह होगा कि क्या न्याय प्रणाली इस बार उम्मीदों पर खरी उतरती है या फिर यह मामला भी फाइलों की धूल में गुम हो जाएगा।