America sent Nepali citizens to their country by chartered plane

अमेरिका ने नेपाली नागरिकों को चार्टर्ड प्लेन से उनके देश भेजा, ट्रंप नेपाल में सैन्य जहाज नहीं उतार पाए, नेपाली लोगों को चेन में बांधने और प्रताड़ित करने की कोई खबर नहीं है

Latest News

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए, नेपाली नागरिकों को चार्टर्ड विमानों के माध्यम से उनके देश वापस भेजा है। यह कदम अमेरिका की नई आव्रजन नीतियों का हिस्सा है, जो अवैध प्रवास को रोकने के उद्देश्य से लागू की गई हैं।

अमेरिका की नई आव्रजन नीति और नेपाली नागरिकों की वापसी

ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाते हुए, सैन्य विमानों का उपयोग करके उन्हें उनके मूल देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। हाल ही में, आठ नेपाली नागरिकों को एक चार्टर्ड विमान के माध्यम से काठमांडू भेजा गया। यह पहली बार है जब नेपाली नागरिकों को चार्टर्ड उड़ान के जरिए निर्वासित किया गया है।

सैन्य विमानों का उपयोग: एक सख्त संदेश

अमेरिका में अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए आमतौर पर वाणिज्यिक चार्टर विमानों का उपयोग किया जाता है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने सैन्य विमानों का उपयोग करके एक सख्त संदेश देने की कोशिश की है कि अवैध प्रवास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सैन्य विमानों का उपयोग न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह अवैध प्रवासियों और उनके मूल देशों को एक स्पष्ट संदेश देता है।

नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया

नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त देशों में विदेशी सेनाओं में भर्ती होने के खिलाफ चेतावनी दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुछ मित्र देशों को छोड़कर, नेपाल के नागरिकों को विदेशी सेनाओं में शामिल होने की अनुमति देने की कोई नीति नहीं है। यह कदम नेपाली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें जोखिम भरे क्षेत्रों में जाने से रोकने के लिए उठाया गया है।

अवैध प्रवासियों के प्रति ट्रंप प्रशासन का रुख

ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को “अपराधी” और “विदेशी घुसपैठिए” कहकर संबोधित किया है। ट्रंप ने इसे अमेरिका पर “आक्रमण” करार दिया है और सैन्य विमानों का उपयोग करके अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया को तेज किया है। यह कदम अवैध प्रवास को रोकने और अमेरिकी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

लैटिन अमेरिकी देशों की प्रतिक्रिया

अमेरिका द्वारा सैन्य विमानों का उपयोग डिपोर्टेशन के लिए किए जाने पर कई लैटिन अमेरिकी देशों ने नाराजगी जताई है। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिकी सैन्य विमान को अपने देश में उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि वे केवल सिविलियन विमानों से प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार हैं। यह प्रतिक्रिया अमेरिका की सैन्य उपस्थिति के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है।

नेपाली नागरिकों की वापसी: एक विस्तृत विवरण

हाल ही में, आठ नेपाली नागरिकों को एक चार्टर्ड विमान के माध्यम से काठमांडू वापस भेजा गया। यह विमान ग्रिफॉन एयर का गल्फस्ट्रीम था, जो अल्बानिया के रास्ते साउथ हैम्पशायर से त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। इनमें से कुछ नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे, जबकि अन्य को आव्रजन उल्लंघन के लिए निर्वासित किया गया था। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के उप प्रवक्ता ज्ञानेंद्र भूरा ने इस बात की पुष्टि की।

मानव तस्करी और अवैध प्रवास के खिलाफ कार्रवाई

नेपाल पुलिस की मानव तस्करी जांच ब्यूरो ने निर्वासित व्यक्तियों से पूछताछ की। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि इनमें से कुछ नागरिक ब्राजील के रास्ते जमीन के माध्यम से अमेरिका गए थे। उन्हें अमेरिकी आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने के लिए निर्वासित किया गया था। हालांकि, निर्वासित व्यक्तियों ने उन दलालों के खिलाफ मामला दर्ज करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिन्होंने अमेरिका में उनके अवैध प्रवेश की सुविधा प्रदान की थी।

अमेरिका की आव्रजन नीति का भविष्य

ट्रंप प्रशासन की यह सख्त आव्रजन नीति भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है। अवैध प्रवास को रोकने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। यह नीति न केवल अवैध प्रवासियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि उन देशों के लिए भी है, जहां से ये प्रवासी आते हैं।

अमेरिका की नई आव्रजन नीति और सैन्य विमानों के उपयोग ने अवैध प्रवास के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है। नेपाल सरकार ने भी अपने नागरिकों को विदेशी सेनाओं में भर्ती होने के खिलाफ चेतावनी देकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। यह घटनाक्रम वैश्विक आव्रजन नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *