हाइलाइट्स
– AIMIM विधायक अख्तरुल इस्लाम ने कहा कि मुसलमानों को “भीख” नहीं, बल्कि इंसाफ चाहिए।
– बिल्किस बानो, पठान खान और वक्फ बोर्ड के मामलों में न्याय की मांग को लेकर तीखा हमला।
– वक्फ संपत्तियों पर विवाद – आरोप लगा कि सरकार गरीबों की जमीन हड़प रही है।
– मोदी सरकार की योजनाओं को “सियासी चाल” बताया, मुस्लिम समुदाय को “भिखारी” समझने का आरोप।
– AIMIM की जोरदार प्रतिक्रिया – “हमें न्याय चाहिए, न कि सरकारी सहायता की दया।”
क्या मोदी सरकार मुसलमानों को ‘भीख’ दे रही है? (Is Modi Government Offering ‘Alms’ to Muslims?)
AIMIM के विधायक अख्तरुल इस्लाम ने हाल ही में एक विवादित बयान देकर सियासी बहस छेड़ दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार मुसलमानों को “भीख” देकर चुप कराना चाहती है, जबकि उन्हें इंसाफ की जरूरत है। उन्होंने बिल्किस बानो केस, पठान खान की गिरफ्तारी और वक्फ संपत्तियों के मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा।
“हमें भीख नहीं, इंसाफ चाहिए” – AIMIM का बयान
अख्तरुल इस्लाम ने कहा,
“मोदी जी ने मुसलमानों को भिखारी समझा है। ये भीख है, हमें इंसाफ चाहिए। जो नंगा है, उसे कपड़े चाहिए, सर पर पगड़ी नहीं चाहिए। गरीब लोगों की गर्दन काटी जा रही है। वक्फ की जमीन गरीबों की है, उसे बचाना होगा।”
उन्होंने All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) और वक्फ बोर्ड के हक की लड़ाई को जोरदार तरीके से उठाया।
क्यों उठ रहे हैं वक्फ संपत्ति के सवाल? (Why is Waqf Property Controversy Rising?)
वक्फ संपत्तियों का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है। भाजपा सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि वह मुस्लिम ट्रस्ट की जमीनों पर कब्जा कर रही है। कई राज्यों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को सरकारी योजनाओं के नाम पर हड़पने के आरोप लगे हैं।
क्या है वक्फ संपत्ति का कानून?
– वक्फ एक्ट, 1995 के तहत, वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन राज्य वक्फ बोर्ड करता है।
– सुप्रीम कोर्ट ने कई बार वक्फ जमीनों को लेकर सरकार को नोटिस जारी किया है।
– दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में वक्फ जमीनों पर विवाद चल रहा है।
AIMIM का आरोप है कि सरकार गरीब मुसलमानों की जमीन छीन रही है, जबकि उन्हें न्याय देना चाहिए।
बिल्किस बानो और पठान खान केस – क्या मुसलमानों को न्याय नहीं मिल रहा? (Bilkis Bano & Pathan Khan Case – Are Muslims Being Denied Justice?)
- बिल्किस बानो केस (Bilkis Bano Case)
– 2002 गुजरात दंगों में बिल्किस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था।
– 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला विवादों में घिर गया।
– AIMIM ने कहा कि “अगर न्याय होता, तो दोषी जेल में होते।” - पठान खान केस (Pathan Khan Case)
– पठान खान, जिसे निजामुद्दीन दरगाह के पास गिरफ्तार किया गया, उसके खिलाफ UAPA लगाया गया।
– AIMIM का दावा है कि बिना सबूत के मुस्लिम युवाओं को टारगेट किया जा रहा है।
क्या मोदी सरकार की योजनाएं ‘सियासी चाल’ हैं? (Are Modi Govt’s Schemes a ‘Political Stunt’?)
AIMIM ने मोदी सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि “सरकार मुसलमानों को सहायता देकर वोट बैंक बनाना चाहती है, लेकिन न्याय नहीं दे रही।”
मुस्लिम समुदाय के लिए सरकारी योजनाएं:
– हज सब्सिडी (2018 में खत्म की गई)।
– मदरसा मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (फंडिंग कम होना)।
– वक्फ संपत्ति सर्वे (आरोप लगे कि सरकार जमीन हड़पना चाहती है)।
अख्तरुल इस्लाम ने कहा – “हमें सरकारी मदद नहीं, बल्कि बराबरी का हक चाहिए।”
मोदी @narendramodi ने समझ लिया हैं मुसलमानों को भीक मांगने की ज़रूरत हैं इसलिए वो भीक देना चाहते हैं मुसलमानो को भीक की ज़रूरत नहीं हैं सौग़ात की ज़रूरत नहीं हैं इस मुल्क में इंसाफ की ज़रूरत हैं बिल्क़ीस को इंसाफ मिले पहलु खान को इंसाफ मिले @AIMPLB_Official वक़्फ़ बोर्ड को… pic.twitter.com/WlRJHwjZx5
— Millat Times (@Millat_Times) March 25, 2025
क्या मुसलमानों को सच में ‘भीख’ चाहिए? (Conclusion: Do Muslims Really Need ‘Alms’?)
AIMIM का यह बयान एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या मुस्लिम समुदाय को सरकारी योजनाओं की जरूरत है या फिर न्याय की?
– क्या वक्फ संपत्तियों पर सरकार का कब्जा जायज है?
– क्या बिल्किस बानो और पठान खान जैसे मामलों में न्याय मिल पा रहा है?
– क्या मोदी सरकार वास्तव में मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रही है?
इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं, लेकिन AIMIM ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
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