हाइलाइट्स:
- मोहाली के मटौर इलाके में एक फास्ट फूड फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान फ्रिज में कुत्ते का कटा हुआ सिर मिला।
- फैक्ट्री में गंदे पानी और सड़ी सब्जियों का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे खाद्य सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए।
- नगर निगम की टीम ने 60 किलो गंधयुक्त फ्रोजन चिकन जब्त कर नष्ट किया।
- अधिकारियों ने फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच के लिए सैंपल लैब में भेजे गए हैं।
- पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मोहाली में मोमो फैक्ट्री में छापेमारी, कुत्ते का सिर मिलने से सनसनी
पंजाब के मोहाली जिले में खाद्य सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है। नगर निगम की टीम ने मटौर इलाके में स्थित एक फास्ट फूड फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां से बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस फैक्ट्री में न सिर्फ गंदे पानी और सड़ी-गली सब्जियों का इस्तेमाल हो रहा था, बल्कि अधिकारियों को यहां एक फ्रिज में कुत्ते का कटा हुआ सिर भी मिला। यह देखकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंताएं उठने लगीं।
कैसे हुआ खुलासा?
स्थानीय लोगों की शिकायत पर नगर निगम की टीम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दो दिन तक छापेमारी की। फैक्ट्री में मोमो और स्प्रिंग रोल बनाए जा रहे थे, जो चंडीगढ़, पंचकूला और कालका जैसे शहरों में सप्लाई किए जाते थे। जांच के दौरान 60 किलो बदबूदार फ्रोजन चिकन भी बरामद किया गया, जिसे तुरंत नष्ट कर दिया गया।
फैक्ट्री की स्थिति बेहद खराब थी—यहां गंदा पानी, सड़ी हुई सब्जियां और पुराने कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल किया जा रहा था। अधिकारियों को यहां फ्रोजन मीट, क्रशर मशीन और इस्तेमाल किया हुआ कुकिंग ऑयल भी मिला, जिससे खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो गए।
क्या वाकई कुत्ते का मांस इस्तेमाल किया जा रहा था?
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जांच के दौरान अधिकारियों को एक फ्रिज में कुत्ते का सिर मिला। यह सिर एक पग नस्ल के कुत्ते का प्रतीत हो रहा था। स्थानीय लोगों ने इसे देखते ही हंगामा मचा दिया। हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि फैक्ट्री के खाने में कुत्ते के मांस का इस्तेमाल किया जा रहा था या नहीं।
वेटरनरी डिपार्टमेंट को कुत्ते के सिर की जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे पता चलेगा कि इसे खाने में इस्तेमाल किया जा रहा था या नहीं। आरोप है कि फैक्ट्री के कर्मचारी, जो नेपाली मूल के बताए जा रहे हैं, इसका खुद सेवन कर रहे थे।
मोहाली के चिकन दुकानों पर भी छापे
सिर्फ मोमो फैक्ट्री ही नहीं, बल्कि मटौर इलाके की चिकन दुकानों पर भी कार्रवाई की गई। यहां की कई दुकानों में गंधयुक्त जमे हुए चिकन पाए गए, जो लंबे समय से स्टॉक में थे और पूरी तरह खराब हो चुके थे। नगर निगम की मेडिकल टीम ने इन सभी खाद्य सामग्रियों को जब्त कर नष्ट कर दिया। साथ ही, यहां से लिए गए खाद्य पदार्थों के सैंपल को लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO) ने किया निरीक्षण
मामले की गंभीरता को देखते हुए मोहाली के जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO) ने घटनास्थल का दौरा किया और दो जगहों पर गड़बड़ियां पाईं। उन्होंने साफ किया कि यह फैक्ट्री बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के संचालित की जा रही थी। उन्होंने नगर निगम और पुलिस को इस फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
मोहाली की सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैना ने कहा कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर और पुलिस को आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए सिफारिशें भेजी हैं।
सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. अमृत वारिंग ने बताया कि पुलिस को सूचना दे दी गई है और जल्द ही लैब टेस्ट के नतीजे आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि खाने में कुत्ते के मांस का इस्तेमाल किया गया है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
मोहाली की यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ा अलर्ट है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी खाद्य सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अगर खाद्य निरीक्षण समय पर न किया जाए, तो लोग खतरनाक और अस्वास्थ्यकर भोजन खाने को मजबूर हो सकते हैं।
आपकी राय क्या है? क्या सरकार को ऐसे मामलों पर और सख्त कानून बनाने चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
- क्या मोहाली में मोमो फैक्ट्री में कुत्ते के मांस का उपयोग किया गया था?
- अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है और वेटरनरी रिपोर्ट का इंतजार है।
- क्या फैक्ट्री के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की गई है?
- हां, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की है, और मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
- क्या यह फैक्ट्री बिना लाइसेंस के चल रही थी?
- हां, यह फैक्ट्री बिना रजिस्ट्रेशन और खाद्य सुरक्षा लाइसेंस के संचालित हो रही थी।
- छापेमारी के दौरान और क्या मिला?
- 60 किलो गंधयुक्त चिकन, गंदे पानी में बनी खाद्य सामग्री और पुराना कुकिंग ऑयल जब्त किया गया।
- आगे क्या होगा?
- लैब रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और हो सकता है कि इस फैक्ट्री को सील कर दिया जाए।
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