खुशबू

Video: घरवालों ने छात्रा खुशबू को नहीं लेने दी 11वीं में साइंस स्ट्रीम, शिक्षा मंत्री ने फोन कर कही ये बात! जिसने भी वीडियो देखा वो रो पड़ा

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हाइलाइट्स:

  • 10वीं में 399/400 अंक पाने वाली खुशबू को साइंस पढ़ने से रोका गया
  • माता-पिता ने सामाजिक दबाव के कारण आर्ट्स स्ट्रीम लेने पर मजबूर किया
  • मीडिया रिपोर्ट के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने किया फोन
  • मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जिलाधिकारी को दिए निर्देश
  • अब खुशबू का साइंस स्ट्रीम में एडमिशन होगा सुनिश्चित

खुशबू की मेहनत पर घरवालों ने लगाया ब्रेक

बिहार के दानापुर जिले की एक प्रतिभाशाली छात्रा खुशबू, जिसने कक्षा 10वीं में 500 में से 399 अंक प्राप्त किए, वह अपने माता-पिता की मानसिकता और सामाजिक दबाव के कारण अपनी पसंद की स्ट्रीम नहीं चुन पाई। उसके परिवार ने उसे साइंस की जगह आर्ट्स पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया, जबकि उसके भाइयों को साइंस स्ट्रीम चुनने की पूरी स्वतंत्रता दी गई।

मीडिया रिपोर्ट के बाद आया केंद्रीय शिक्षा मंत्री का फोन

खुशबू की यह दर्दभरी कहानी जब मीडिया में सामने आई तो इसने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। जब इस खबर की जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मिली, तो उन्होंने खुद खुशबू को फोन किया और उसे आश्वासन दिया कि जल्द ही उसकी साइंस स्ट्रीम में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने दिया भरोसा

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फोन पर खुशबू से कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह सुनिश्चित करेंगे कि तुम्हें अपनी पसंद के विषय पढ़ने का मौका मिले। मैंने जिलाधिकारी से बात कर ली है, वे तुम्हारा एडमिशन करवा देंगे। तुम NEET की तैयारी शुरू करो और डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करो।”

मंत्री जी के इस आश्वासन से खुशबू और उसके परिवार को राहत मिली है।

लड़कियों के साथ अब भी होता है भेदभाव

खुशबू ने पहले एक इंटरव्यू में रोते हुए अपनी तकलीफ साझा की थी। उसने बताया कि सिर्फ एक नंबर कम आने के कारण उसके माता-पिता ने उसे साइंस स्ट्रीम लेने से रोक दिया। जबकि उसके भाइयों को इस मामले में कोई रोक-टोक नहीं थी।

“लड़कियों के साथ बहुत भेदभाव होता है। मेरे भाइयों को साइंस पढ़ने की अनुमति मिली, लेकिन मुझे सिर्फ एक अंक कम आने की वजह से यह अवसर नहीं दिया गया।”

अब पूरा होगा खुशबू का सपना

अब जब केंद्रीय मंत्री खुद इस मामले में हस्तक्षेप कर चुके हैं, तो खुशबू के लिए विज्ञान की पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही उसका साइंस स्ट्रीम में एडमिशन हो जाएगा और वह अपने NEET की तैयारी शुरू कर सकेगी।

खुशबू का मामला न केवल एक छात्रा की शिक्षा से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह समाज में लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को भी उजागर करता है। सरकार और प्रशासन के हस्तक्षेप से अब खुशबू को उसका अधिकार मिलेगा, लेकिन यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – क्या लड़कियों को अपनी पसंद के विषय चुनने की पूरी स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए?

FAQ: खुशबू के मामले से जुड़े सवाल

प्रश्न: खुशबू को साइंस स्ट्रीम में एडमिशन कैसे मिलेगा?

उत्तर: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि खुशबू का जल्द से जल्द साइंस स्ट्रीम में एडमिशन कराया जाए।

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