7 signs start appearing a month before a person dies

इंसान को मरने से एक माह पहले से ही दिखाई देने लगते हैं ये 7 संकेत, जो समझ गया वो बचा भी सकता है – जानिए गरुण पुराण के अनुसार

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गरुण पुराण हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जो जीवन, मृत्यु और उसके बाद के रहस्यों को समझाता है। इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया है, जिनमें मृत्यु के बारे में भी गहरे ज्ञान का उल्लेख किया गया है। गरुण पुराण के अनुसार, इंसान के मरने से पहले उसे कुछ महत्वपूर्ण संकेत मिलते हैं। ये संकेत उसके शरीर और आत्मा की स्थिति को दर्शाते हैं, जिनके माध्यम से व्यक्ति को यह आभास हो सकता है कि उसकी मृत्यु निकट है। इन संकेतों को पहचानने से व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकता है और अपने अंतिम समय को शांति से बिता सकता है।

1. पूर्वजों का दर्शन (Ancestral Vision)

गरुण पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपनी मृत्यु के पास आता है, तो उसे अपने पूर्वजों की आत्माएं दिखाई देने लगती हैं। ये आत्माएं व्यक्ति को यह संकेत देती हैं कि उसका समय पूरा हो चुका है और उसे अंतिम यात्रा के लिए तैयार होना चाहिए। पूर्वजों के दर्शन मृत्यु के निकट होने का एक प्रमुख संकेत माना जाता है। यह संकेत जीवन के अंतिम समय में आत्मिक शांति और उद्धार की ओर इशारा करता है।

2. यमदूतों का आगमन (Arrival of Yama’s Messengers)

गरुण पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति को यमराज के दूत दिखाई देते हैं। ये दूत व्यक्ति की आत्मा को लेने आते हैं। यदि किसी व्यक्ति को यमदूतों का दर्शन होता है, तो यह एक स्पष्ट संकेत होता है कि उसकी मृत्यु निकट है। यमदूतों का आगमन व्यक्ति के शरीर को छोड़ने और उसकी आत्मा को एक नई यात्रा पर ले जाने का संकेत है।

3. रहस्यमय द्वार का दर्शन (Vision of Mysterious Door)

मृत्यु के करीब आने पर व्यक्ति को एक रहस्यमय द्वार दिखाई देता है, जो आग से जलता हुआ प्रतीत होता है। यह द्वार आत्मा के अगले लोक में प्रवेश करने का संकेत होता है। गरुण पुराण के अनुसार, यह दृश्य व्यक्ति को अपने पिछले जीवन के कर्मों की याद दिलाता है और उसकी आत्मा को परलोक में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है।

4. शरीर की परछाई का न दिखना (No Shadow Reflection)

गरुण पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपनी मृत्यु के करीब होता है, तो उसका शरीर पानी, घी, तेल या शीशे में परछाई नहीं छोड़ता। यह संकेत है कि उसकी आत्मा शरीर को छोड़ने के लिए तैयार हो चुकी है। यह घटना शरीर और आत्मा के बीच के संबंध को समाप्त करने का प्रतीक है।

5. हाथ की रेखाओं का हल्का पड़ना (Fading of Palm Lines)

मृत्यु के समीप आने पर व्यक्ति के हाथ की रेखाएं कमजोर और हल्की पड़ने लगती हैं। कभी-कभी ये रेखाएं पूरी तरह से गायब भी हो जाती हैं। गरुण पुराण के अनुसार, यह संकेत है कि व्यक्ति की आत्मा शरीर को छोड़ने के लिए तैयार है। हाथ की रेखाएं जीवन के संकेत होती हैं, और उनका बदलना मृत्यु की ओर इशारा करता है।

6. जीवन के कर्मों की याद आना (Memory of Past Actions)

मृत्यु के समय व्यक्ति को अपने पूरे जीवन के कर्मों की याद आने लगती है, चाहे वे अच्छे हों या बुरे। यह आत्मा के शुद्धिकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है। गरुण पुराण के अनुसार, मृत्यु के समय व्यक्ति अपने किए गए कर्मों को महसूस करता है, जिससे उसकी आत्मा शांति की ओर अग्रसर होती है।

7. नकारात्मक शक्तियों का अहसास (Feeling of Negative Energies)

मृत्यु के निकट व्यक्ति को अपने आसपास नकारात्मक शक्तियों का अहसास होने लगता है। उसे लगता है कि यमदूत और अन्य नकारात्मक शक्तियां उसे घेर चुकी हैं। यह संकेत व्यक्ति की आत्मा के शरीर से बाहर निकलने का प्रतीक है। जब शरीर से आत्मा निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो व्यक्ति को इस प्रकार के संकेत मिल सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

गरुण पुराण में बताए गए इन सात संकेतों को पहचानकर व्यक्ति अपने मृत्यु के निकट होने का आभास कर सकता है। हालांकि, यह जानकारी धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है, इसलिए इसे एक विश्वास और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही देखना चाहिए। इन संकेतों के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम समय को शांति से बिता सकता है। मृत्यु से पहले यह संकेत व्यक्ति को जीवन के कर्मों और उनके परिणामों के बारे में सोचने का एक अवसर प्रदान करते हैं।

इन संकेतों को समझने और पहचानने से न केवल व्यक्ति अपनी मृत्यु के प्रति सजग होता है, बल्कि अपने जीवन के प्रति भी अधिक जागरूक और समझदार हो सकता है। गरुण पुराण में मृत्यु के संकेतों का वर्णन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन की वास्तविकता और उसके बाद के रहस्यों को समझने में भी मदद करता है।

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