बिजनौर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दो मौलानाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग एक हिंदू युवक का धर्म परिवर्तन कराकर उसका जबरन निकाह कराने की योजना बना रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और प्रशासन मामले की गहन जांच कर रहा है।
घटना का पूरा विवरण
यह मामला बिजनौर के पुराना धामपुर क्षेत्र का है, जहां 21 वर्षीय मुकुल सिंह नामक युवक का नई सराय मोहल्ले की एक मुस्लिम युवती सायमा से प्रेम संबंध था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सायमा के परिवार ने मुकुल पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला और जबरन उसका नाम बदलकर माहिर अंसारी रखा गया। इसके बाद उसका निकाह एक स्थानीय मदरसे में कराने की तैयारी की जा रही थी।
मुकुल के पिता जसवंत सिंह को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने कीरतपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनके बेटे को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची
इस मामले में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- मौलाना इरशाद – स्थानीय मदरसे के मौलाना, जिन पर धर्म परिवर्तन में अहम भूमिका निभाने का आरोप है।
- मौलाना गुफरान – इस्लामिक शिक्षाओं के माध्यम से युवक को धर्म परिवर्तन के लिए मनाने का प्रयास कर रहे थे।
- सायमा (युवती) – मुकुल के साथ निकाह की तैयारी कर रही थी।
- मोहम्मद शाहिद (सायमा के पिता) – मुकुल पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप।
- रुखसाना बेगम (सायमा की मां) – परिवार की ओर से मुकुल को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करने का आरोप।
पुलिस कार्रवाई और कानूनी धाराएं
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज किया है। यह कानून जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए बनाया गया था और इसके तहत दोषियों को कड़ी सजा का प्रावधान है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) दिनेश सिंह ने बताया कि, “हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की जांच जारी है। इस प्रकार के जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
कैसे हुआ खुलासा?
जब मुकुल से निकाह के लिए मदरसे में दस्तावेज मांगे गए, तो उसने अपना आधार कार्ड देने से इनकार कर दिया। इस पर मौलानाओं को संदेह हुआ और जब उन्हें पता चला कि वह हिंदू है, तो वे तुरंत मदरसे से भाग निकले। इसके बाद मुकुल ने पूरी घटना अपने पिता को बताई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इलाके में बढ़ता तनाव और प्रशासन का रुख
इस घटना के सामने आने के बाद बिजनौर जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हिंदू संगठनों ने इस मामले पर सख्त कार्रवाई की मांग की है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की अपील की है। वहीं, प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस ने कहा है कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। अधिकारी किसी भी संभावित हिंसा या प्रदर्शन को रोकने के लिए सतर्क हैं।
धर्म परिवर्तन से जुड़े कानून और सजा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को जबरन, धोखे से या किसी प्रकार के प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे धर्म में विवाह करना चाहता है, तो उसे दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो विवाह अवैध माना जा सकता है।
समाज पर प्रभाव और जागरूकता की आवश्यकता
धर्म परिवर्तन के इस मामले ने एक बार फिर से समाज में धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जरूरी है कि लोग किसी भी प्रकार के दबाव या प्रलोभन में आकर धर्म परिवर्तन न करें और सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि समाज को इस विषय पर जागरूक होने की आवश्यकता है। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सबको है, लेकिन जबरन या धोखे से किसी का धर्म परिवर्तन कराना गैरकानूनी और अनैतिक है।
बिजनौर में जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह कराने की कोशिश के इस मामले ने प्रशासन और समाज को सतर्क कर दिया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेष दल गठित करें, ताकि कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर न किया जाए। इस घटना से समाज को भी सीख लेनी चाहिए और धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या छल-कपट को नकारना चाहिए।
इस मामले की जांच अभी भी जारी है और पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की भी तलाश कर रही है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा और धर्म परिवर्तन के मामलों में कड़ा रुख अपनाया जाएगा।