वाशिंगटन डी.सी., 2 फरवरी 2025 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादास्पद आदेश जारी करते हुए कहा है कि जो लोग फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। इस फैसले के बाद अमेरिका और दुनिया भर में राजनीतिक और मानवाधिकार संगठनों के बीच नाराजगी और बहस छिड़ गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह आदेश अमेरिका में जारी फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के मद्देनज़र लिया गया है। हाल ही में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बढ़ने के बाद अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। ट्रंप, जो हमेशा इजरायल के समर्थन में खड़े रहे हैं, ने पहले भी फिलिस्तीन समर्थक आंदोलनों की आलोचना की है और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
अपने अभियान दल द्वारा जारी एक बयान में, ट्रंप ने कहा, “हम अपने देश में उग्रवादी तत्वों को अशांति फैलाने की अनुमति नहीं देंगे। जो लोग आतंकवादी संगठनों का समर्थन करते हैं या हमारे सहयोगी देशों के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, उनके लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है।”
हालांकि, इस आदेश के कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों, वीजा धारकों और संभवतः स्थायी निवासियों को लक्षित कर सकती है, जो फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह आदेश लागू होता है, तो यह अमेरिका के संविधान के पहले संशोधन के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ जा सकता है और कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकता है।
फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को अमेरिका से किया जाएगा बाहर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ज़ारी किया आदेश.#Palestine #DonaldJTrump #America pic.twitter.com/QcQpzbRvt3
— Journo Mirror (@JournoMirror) February 2, 2025
मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) के प्रवक्ता ने कहा, “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर सीधा हमला है। केवल अपनी राय व्यक्त करने के कारण लोगों को निर्वासित करना एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।”
वहीं, बाइडेन प्रशासन ने अभी तक इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया है। इस फैसले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है, खासकर मध्य पूर्व के देशों और फिलिस्तीन समर्थक संगठनों ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
जैसे-जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ट्रंप का यह फैसला राजनीतिक माहौल को और ध्रुवीकरण की ओर ले जा सकता है। यह आदेश वास्तव में लागू होगा या सिर्फ चुनावी प्रचार का एक हिस्सा है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।
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