नई दिल्ली, 17 जनवरी: जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है, सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कालकाजी विधानसभा क्षेत्र की गलियों में चर्चा है कि कांग्रेस प्रत्याशी अल्का लांबा मुख्यमंत्री की दौड़ में मजबूत दावेदार बनकर उभर रही हैं। इस क्षेत्र में जनता का एक बड़ा वर्ग मानता है कि अल्का लांबा, अपनी ईमानदारी और सेवाभाव के चलते, दूसरी शीला दीक्षित साबित हो सकती हैं।
आतिशी बनाम अल्का लांबा: कालकाजी में सीधा मुकाबला
आम आदमी पार्टी (AAP) से मौजूदा विधायक आतिशी का सामना कांग्रेस की अल्का लांबा से है। आतिशी के खिलाफ जनता में नाराज़गी दिख रही है। कई लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने विकास कार्यों में भ्रष्टाचार किया और अधूरे प्रोजेक्ट्स को लटकाकर जनता को परेशान किया। वहीं, अल्का लांबा के समर्थन में जनता का उत्साह देखते ही बनता है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "अल्का लांबा में ईमानदारी और इंसानियत दोनों हैं। उन्होंने चांदनी चौक को चमकाया और अब दिल्ली के लिए बेहतर विकल्प हैं।"
कांग्रेस की नई उम्मीद: अल्का लांबा
पिछले दो विधानसभा चुनावों में दिल्ली में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था। लेकिन इस बार कालकाजी के लोग कांग्रेस को एक मौका देने के मूड में दिख रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि कांग्रेस अब मजबूती से वापसी करेगी। एक अन्य निवासी ने कहा, "राहुल गांधी की मेहनत रंग लाएगी। इस बार कांग्रेस सरकार बनाएगी।"
केजरीवाल सरकार पर जनता की नाराज़गी
आम आदमी पार्टी ने 10 सालों में बिजली, पानी और मोहल्ला क्लीनिक जैसे बड़े सुधारों का दावा किया है। लेकिन जनता का कहना है कि वादों के बावजूद कई क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। "महिलाओं को फ्री बस सेवा दी, लेकिन दारू के ठेकों की बाढ़ ला दी," एक स्थानीय ने शिकायत की।
क्या भाजपा बनेगी खेल बिगाड़ने वाली?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी इस बार मजबूती से चुनावी मैदान में उतरी है। रमेश बिधूड़ी जैसे वरिष्ठ नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। लेकिन जनता के मूड को देखते हुए मुकाबला कांग्रेस और आप के बीच ही नजर आ रहा है।
जनता की राय: बदलाव की लहर
कालकाजी के मतदाताओं का कहना है कि अब बदलाव का वक्त आ गया है। एक बुजुर्ग मतदाता ने कहा, "हमने 10 साल अरविंद केजरीवाल को देखा। अब उनकी सरकार ने हमें निराश किया है। इस बार कांग्रेस को मौका देना चाहिए।"
क्या दिल्ली को मिलेगी 'दूसरी शीला दीक्षित'?
अल्का लांबा के समर्थक उन्हें शीला दीक्षित से भी बेहतर नेता मानते हैं। उनका कहना है कि अल्का लांबा की ईमानदारी और नेतृत्व क्षमता दिल्ली को एक नई दिशा देगी।
चुनाव की तारीख नज़दीक है और दिल्ली की जनता अब अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए तैयार है। कालकाजी क्षेत्र में कांग्रेस की लहर महसूस हो रही है, लेकिन अंतिम फैसला तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।
क्या अल्का लांबा मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच पाएंगी, या फिर अरविंद केजरीवाल और भाजपा के बीच की जंग में कोई नया मोड़ आएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।