नई दिल्ली – सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक स्वयंभू बाबा ने "माता काली" के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। यह वीडियो एक लाइव सत्र का हिस्सा है, जहां किसी व्यक्ति ने बाबा से एक सवाल पूछा। जवाब में बाबा ने विवादित भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है।
क्या है मामला?
यह स्वयंभू बाबा, जिन्हें "IIT वाले बाबा" के नाम से भी जाना जाता है, ने लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान मां काली के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। इस बयान के सामने आते ही लोग सोशल मीडिया पर आक्रोश व्यक्त करने लगे। कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और बाबा को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।
लोगों का आक्रोश
लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। एक व्यक्ति ने लिखा, "माता को गाली देने वाला बाबा कैसे हो सकता है? ऐसे पाखंडी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।" वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, "ऐसे लोग धार्मिक आयोजनों और कुंभ जैसे पवित्र स्थानों में जगह पाने के लायक नहीं हैं। इन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए।"
"माता काली" को गाली देने वाला "बाबा" कैसे हो सकता है?
— Anika Pandey (@Anika_Pan) January 21, 2025
लाइव के दौरान किसी ने इस पाखंडी से कुछ पूछा. उसके जवाब में इसने माँ को गाली दी.
यही IIT वाले बाबा की सच्चाई है.
माता को गाली देने वाले "सलाखों के पीछे" होने चाहिए, कुंभ में नहीं. pic.twitter.com/dH0dDAM7fu
धार्मिक संगठनों का विरोध
कई हिंदू संगठनों ने इस बयान को धार्मिक आस्था पर हमला करार दिया है। संगठनों का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को किसी भी धार्मिक आयोजन में शामिल होने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से बाबा के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की अपील की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस बयान के वीडियो का संज्ञान लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं। यदि बाबा ने आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
धार्मिक आस्थाओं का सम्मान हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। किसी देवी-देवता या धर्म के प्रति अपमानजनक बयान न केवल समाज को विभाजित करते हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द्र को भी प्रभावित करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि ऐसे बयानों के खिलाफ कानून और प्रशासन को कितनी सख्ती से काम करना चाहिए। धार्मिक भावनाओं का सम्मान बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।