प्रयागराज: भव्य और दिव्य महाकुंभ के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास द्वारा समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। राजू दास ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और कार्यकर्ता भड़क उठे हैं।
विवाद की शुरुआत
महंत राजू दास ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा का जिक्र करते हुए लिखा, "अगर आप कुंभ मेले में जा रहे हैं तो इस कठमुल्ले के ऊपर पेशाब कर जाएं।" इस बयान के बाद सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हाल ही में मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया था कि कुंभ मेले में उनके पिता और पार्टी के मार्गदर्शक की प्रतिमा के दर्शन करें। अखिलेश के इस पोस्ट के जवाब में राजू दास की टिप्पणी आई, जो सीधे-सीधे पार्टी और मुलायम सिंह यादव के समर्थकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली थी।
सपा सांसद प्रिया सरोज ने की सख्त कार्रवाई की मांग
सपा सांसद प्रिया सरोज ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, "ये बाबा है? इतनी घटिया भाषा का प्रयोग करने वाला बाबा हो सकता है? अभी तक ये जेल क्यों नहीं गया।" उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस से महंत राजू दास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रिया सरोज ने अपनी पोस्ट में लिखा, "इस व्यक्ति ने हमारे श्रद्धेय नेता जी के प्रति अपमानजनक भाषा का उपयोग किया है। इसे तुरंत गिरफ्तार कर सजा दी जानी चाहिए।"
ये बाबा है? इतनी घटिया भाषा का प्रयोग करने वाला बाबा होसकता है ? अभी तक ये जेल क्यों नहीं गया ।@Uppolice इस व्यक्ति के ऊपर श्रद्धेय नेता जी
— Priya Saroj (@PriyaSarojMP) January 21, 2025
के ऊपर गलत टिप्पणी करने के लिए जल्द से जल्द करवाई करे। pic.twitter.com/wAzf1Mv83X
एफआईआर दर्ज, सपा का अल्टीमेटम
समाजवादी पार्टी ने इस मामले में अयोध्या में एफआईआर दर्ज कराई है। पार्टी नेताओं ने पुलिस प्रशासन से महंत राजू दास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सपा नेताओं ने कहा है कि अगर इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं होती, तो वे व्यापक प्रदर्शन करेंगे।
महाकुंभ के दौरान सियासी विवाद
महाकुंभ, जो आमतौर पर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जाता है, इस विवाद के कारण राजनीतिक तनाव का केंद्र बन गया है। कई धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा है। उनका कहना है कि महंत राजू दास का बयान धार्मिक और सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाला है, और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
महंत राजू दास के बयान ने एक बार फिर धार्मिक नेताओं और राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती खाई को उजागर किया है। यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर दिए गए बयान कैसे बड़े राजनीतिक और सामाजिक विवादों को जन्म दे सकते हैं।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और सपा के विरोध प्रदर्शन किस दिशा में जाते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने महाकुंभ के पवित्र माहौल को भी सियासी तनाव का शिकार बना दिया है।
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