गंगरार, चित्तौड़गढ़: चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार ब्लॉक से शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। एक स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षिका को स्कूल कार्यालय में अशोभनीय हरकत करते हुए वीडियो में कैद किया गया। घटना के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
विद्यालय में बच्चों ने इस शर्मनाक कृत्य को देखा और अपने अभिभावकों को बताया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। शनिवार को ग्रामीणों और अभिभावकों ने थाना प्रभारी और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि प्रधानाध्यापक अरविंद व्यास अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए लंबे समय से अनुचित कार्य कर रहे थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह स्टाफ और अभिभावकों को धमकी देते थे और अशोभनीय हरकतों में लिप्त रहते थे।
ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक की हरकतों का प्रमाण जुटाने के लिए अपने खर्चे पर स्कूल कार्यालय में एक गुप्त कैमरा लगवाया। वीडियो में प्रधानाध्यापक और शिक्षिका को आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया। घटना की पुष्टि होते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने घटना को गंभीर मानते हुए प्रधानाध्यापक अरविंद व्यास और संबंधित शिक्षिका को तुरंत निलंबित कर दिया। प्रधानाध्यापक का मुख्यालय राशमी और शिक्षिका का मुख्यालय बेगू स्थानांतरित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ 16 सीसी के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है।
शर्मनाक घटना ने शिक्षा विभाग की छवि को गहरी चोट पहुंचाई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह मामला विभाग के लिए बेहद गंभीर है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानाध्यापक अरविंद व्यास गंगरार के निवासी हैं और पूर्व में भारतीय मजदूर संघ और राजस्थान राष्ट्रीय शिक्षक संघ में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वहीं, शिक्षिका चित्तौड़गढ़ के समीप की निवासी हैं और उनके पति एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं।
ग्रामीणों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है और शिक्षा विभाग से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की पूरी जांच करवाने का आश्वासन दिया है।
यह घटनाक्रम न केवल शिक्षा जगत को शर्मसार करता है, बल्कि जिम्मेदार व्यक्तियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।