लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश – मझगई थाने के प्रभारी दयाशंकर द्विवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे कथित तौर पर पूरे गांव पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को लेकर इलाके में तनाव बढ़ गया है, और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जनाब खान ने उठाए सवाल
क्राइम रिपोर्टर जनाब खान ने इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “यूपी पुलिस के बेलगाम मझगई थाना प्रभारी दयाशंकर द्विवेदी पूरे गांव पर गैंगस्टर लगाने की खुलेआम धमकी देते हुए वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है! क्या रामचंद्र पर भी फर्जी गैंगस्टर लगाया गया था?”
रामचंद्र मौर्य की मौत पर विवाद
इस घटना के साथ ही, पुलिस कस्टडी में रामचंद्र मौर्य की संदिग्ध मौत ने मामले को और पेचीदा बना दिया है। मौर्य की मौत को लेकर पुलिस की ओर से दिए गए जवाब को लेकर जनता में गुस्सा है। मौर्य के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई, जबकि पुलिस का दावा है कि यह एक "स्वाभाविक मौत" थी।
यूपी पुलिस के बेलगाम मझगई थाना प्रभारी दयाशंकर द्विवेदी पूरे गांव पर गैंगस्टर लगाने की खुलेआम धमकी देते हुए वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है !!
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) January 8, 2025
क्या रामचंद्र पर भी फर्जी गैंगस्टर लगाया है
रामचंद्र_मौर्य_की_पुलिस_कस्टडी_में_मौत_ के बाद लखीमपुर पुलिस के ऊलजुल जवाब pic.twitter.com/Vcwu5KSX4Z
पुलिस पर गंभीर आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में थाना प्रभारी द्विवेदी की कथित धमकियों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आलोचकों का कहना है कि पुलिस जनता को डराने-धमकाने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। यदि कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
सामाजिक संगठनों की मांग
इस प्रकरण ने सामाजिक संगठनों को भी सक्रिय कर दिया है। मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले की स्वतंत्र जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो की जांच और रामचंद्र मौर्य की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
यह घटना पुलिस और जनता के बीच विश्वास की खाई को दर्शाती है और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। जनता अब निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा देने की मांग कर रही है।