नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर पत्रकार मनोज शर्मा द्वारा साझा किए गए एक वीडियो ने बवाल मचा दिया है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, "अपने बच्चों पर ध्यान रखिए। मदरसों में हालत खराब है।" इस वीडियो में एक मौलवी पर दो लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार और एक के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है।
वीडियो का विवरण
वीडियो में कथित तौर पर एक मौलवी को दो लड़कियों के साथ अनुचित हरकत करते हुए दिखाया गया है। वीडियो की शुरुआत में मौलवी दोनों लड़कियों को छेड़ते हुए नजर आता है। इसके बाद, एक लड़की कमरे से उठकर चली जाती है, जबकि दूसरी लड़की को मौलवी जबरदस्ती कमरे में ले जाता है। वीडियो की सत्यता और स्थान की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है।
- सामाजिक कार्यकर्ता: कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों पर सख्त निगरानी और कार्रवाई की आवश्यकता है।
- धार्मिक संगठनों का बयान: कुछ धार्मिक संगठनों ने वीडियो को "सम्प्रदाय को बदनाम करने की साजिश" करार दिया और जांच की मांग की है।
- जनता की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर #MadrasaSafety और #JusticeForVictims जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून और संस्थानों की नियमित जांच की मांग कर रहे हैं।
अपने बच्चों पर ध्यान रखिए...!!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) January 6, 2025
मदरसों में हालत खराब है !!#viralvideo pic.twitter.com/OLS1E4Gljc
पुलिस और प्रशासन का बयान
पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा, "हम वीडियो की सत्यता और घटना के स्थान की पुष्टि कर रहे हैं। यदि आरोप सही पाए गए, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
पत्रकार मनोज शर्मा की अपील
वीडियो साझा करते हुए पत्रकार मनोज शर्मा ने अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने लिखा, "यह मामला हमारे समाज के लिए गंभीर चेतावनी है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के संस्थानों और वहां की गतिविधियों पर नजर रखें।"
जांच की मांग
घटना की जांच के लिए विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों ने प्रशासन से तेजी से कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम कब उठाए जाएंगे।
यह घटना एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। वीडियो की सत्यता की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया के परिणाम आने तक यह मामला चर्चा का विषय बना रहेगा। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर कदम उठाने की जरूरत है।
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