भावनगर, गुजरात: गुजरात के भावनगर रेलवे डिवीजन में एक अनोखी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वन विभाग के एक बहादुर कर्मचारी ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत का परिचय देते हुए रेलवे ट्रैक पर खड़े शेर को गाय की तरह डंडे से खदेड़ दिया।
घटना का वीडियो जैसे ही सामने आया, लोगों ने इस निडर कर्मचारी की तारीफों के पुल बांध दिए। वीडियो में देखा जा सकता है कि शेर रेलवे ट्रैक पर आराम से बैठा हुआ था, जिससे रेलवे की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसी दौरान वन विभाग के एक बीटगार्ड ने स्थिति संभाली और अपने डंडे के सहारे शेर को ट्रैक से हटने पर मजबूर कर दिया।
एक निडर व्यक्ति ने बीटगार्ड ने रेलवे ट्रैक से शेर को गाय की तरह डंडे से खदेड़ा, वीडियो सोशल मीडिया हो रहा वायरल !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) January 8, 2025
गुजरात में भावनगर रेलवे डिवीजन में एक शेर को रेलवे ट्रैक से वन विभाग के कर्मचारी द्वारा डंडे से भगाने का वीडियो सामने आया है !! #ViralVideo #Trendingvideo pic.twitter.com/IVZyRzUBXy
कैसे हुआ घटना का प्रबंधन?
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, भावनगर रेलवे डिवीजन के पास अक्सर जंगली जानवर रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा असामान्य था क्योंकि ट्रैक पर एक शेर बैठा था। इस तरह की स्थिति में जानवरों को बिना चोट पहुंचाए उन्हें सुरक्षित उनके प्राकृतिक आवास में भेजने की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है।
बीटगार्ड ने सावधानीपूर्वक अपनी ड्यूटी निभाते हुए शेर को ट्रैक से दूर किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कर्मचारी न केवल अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण में भी उसकी भूमिका सराहनीय है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
वीडियो पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने बीटगार्ड की निडरता की तारीफ की, तो कुछ ने वन्यजीवों के रेलवे ट्रैक पर आने की समस्या पर चिंता जताई। एक यूज़र ने लिखा, "यह बीटगार्ड असली हीरो है। इसने दिखाया कि कैसे सूझबूझ और साहस से किसी बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।"
वहीं, कई लोगों ने वन्यजीवों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाने की मांग की, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
वन विभाग का बयान
वन विभाग के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और बताया कि शेर को सुरक्षित जंगल की ओर भेज दिया गया है। उन्होंने बीटगार्ड की बहादुरी की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की घटनाओं में कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
यह घटना न केवल वन विभाग की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि मानव और वन्यजीवों के बीच सामंजस्य बनाने की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं आप?
आप इस घटना पर क्या सोचते हैं? क्या शेरों के लिए अलग कॉरिडोर बनाने की योजना कारगर हो सकती है? अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें।