स्विट्जरलैंड स्थित UBS, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थानों में से एक, ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में एक गंभीर भविष्यवाणी की है। UBS का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 4-5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और भारत का दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना अब सिर्फ एक मृगमरीचिका बनकर रह गया है। UBS के अनुसार, भारत एक गंभीर आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है, और रुपया और भी अधिक गिर सकता है।
UBS की रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था के कई खतरनाक संकेतों का उल्लेख किया गया है। उनके विश्लेषण के अनुसार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में भारी गिरावट आई है, और बड़े पूंजीपति लोग बैंकों से कर्ज लेकर देश छोड़कर भाग चुके हैं। रिपोर्ट का कहना है कि अब बचे हुए व्यापारियों और कंपनियों को कर्ज देने के लिए भारतीय बैंकों के पास पर्याप्त पैसा नहीं बचा है।
Big BREAKING 📢
— Deep Aggarwal (@DeepAggarwalinc) January 28, 2025
दुनिया में सबसे ज्यादा माने जाने वाले स्विट्जरलैंड के प्रतिष्ठान संस्थान UBS का कहना हैं कि विषगुरु मोदी का डंका फट चुका हैं, भारत का 4-5 ट्रिलियन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब सिर्फ सपना हैं।
UBS ने कहा हैं कि भारत में बहुत ज्यादा मंदी आने वाली हैं,… pic.twitter.com/ZGEExN4t2X
UBS यह भी चेतावनी देता है कि भारतीय कंपनियों के मुनाफे में कमी आ रही है। ऐसे में कंपनियों को और छटनी करनी पड़ सकती है, जिससे बेरोजगारी की स्थिति और बिगड़ेगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई कंपनियां अपनी उत्पादन इकाइयों को बंद कर सकती हैं, जिससे और भी अधिक नौकरियां जाने की संभावना है।
स्विट्जरलैंड के इस प्रतिष्ठित संस्थान UBS ने 2008 में अमेरिका के बारे में भी भविष्यवाणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कई बड़े अमेरिकी बैंक डूबने वाले हैं और इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ेगा। अब UBS ने एक बार फिर भविष्यवाणी की है कि भारत की अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर हो सकती है, जिसका असर न सिर्फ देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हो सकता है।
अब भारत के सामने यह चुनौती है कि वह इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए क्या कदम उठाएगा, ताकि निवेशकों और व्यापारियों का विश्वास फिर से वापस लाया जा सके।