नई दिल्ली: महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अपना लाइव नार्को एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर वह झूठ बोलती पाई जाती हैं तो उन्हें फांसी दी जा सकती है।
स्वाति मालीवाल का बयान
स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो साझा करते हुए कहा,
"इन्हें लगा था कि पैसे और पावर के दम पर मुझे चुप करवा देंगे और खत्म कर देंगे। लेकिन मैं सच्चाई के साथ खड़ी हूं। मेरा और अरविंद केजरीवाल का LIVE नार्को/पॉलीग्राफ टेस्ट कराएं। अगर मैंने झूठ बोला हो तो मुझे फांसी दे देना।"
उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता में भी चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।
पार्श्वभूमि
हाल के दिनों में स्वाति मालीवाल और दिल्ली सरकार के बीच मतभेद और विवाद बढ़ते नजर आ रहे हैं। स्वाति ने कई मुद्दों पर सरकार की आलोचना की है, जिसे लेकर यह मामला और तूल पकड़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें दबाने और खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
स्वाति मालीवाल के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।
- आप पार्टी: अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी ने फिलहाल इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- विपक्षी दल: विपक्ष ने स्वाति मालीवाल के साहस की तारीफ की है और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
स्वाति मालीवाल ने कहा मेरा और @ArvindKejriwal का LIVE Narco Analysis/ Polygraph lie detector टेस्ट हो…. अगर मैंने झूठ बोला हो तो मुझे फांसी दे देना !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) January 13, 2025
इन्हें लगा था ये पैसे के दम पर, पावर के दम पर मुझे चुप करवा देंगे और ख़त्म कर देंगे…!! @SwatiJaiHind pic.twitter.com/qyGempAl5Y
सवालों के घेरे में सत्यापन
स्वाति मालीवाल की इस मांग ने राजनीति में पारदर्शिता और सत्यापन को लेकर नई बहस छेड़ दी है। नार्को एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट जैसे वैज्ञानिक तरीकों को आमतौर पर विवादास्पद मामलों में सबूतों की पुष्टि के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनका सार्वजनिक और लाइव उपयोग दुर्लभ है।
जनता का नजरिया
स्वाति मालीवाल के इस बयान पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने उनके साहस को सराहा है, जबकि कुछ इसे सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट मान रहे हैं।
स्वाति मालीवाल के इस बयान ने दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार इस चुनौती का क्या जवाब देती है। क्या यह मामला पारदर्शिता की नई मिसाल बनेगा या सिर्फ राजनीति तक ही सीमित रह जाएगा, यह समय ही बताएगा।