मौलाना फिरोज आलम के जेल से रिहा होने पर उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में उनका स्वागत किया। स्वागत के दौरान 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाए गए, जिससे स्थानीय क्षेत्र में हलचल मच गई। रिहाई के कुछ ही घंटों के भीतर माहौल तनावपूर्ण हो गया, और पुलिस को स्थिति संभालने के लिए सक्रिय होना पड़ा।
जश्न के बाद फिर जेल
मौलाना आलम को एक विवादित मामले में कुछ समय पहले गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई के बाद, उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान नारेबाजी की गई, जिसे लेकर दूसरे समुदाय ने विरोध दर्ज कराया।
विरोध बढ़ने के बाद, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मौलाना को दोबारा हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
दूसरे समुदाय के लोगों ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे उकसाने वाला बताया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे आयोजनों पर रोक लगाई जाए, जो सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मौलाना फिरोज आलम के स्वागत में पहुंचे लोगों ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) January 5, 2025
जेल से छूटकर बाहर आए मौलाना, मनाया जश्न और फिर जेल चले गए !!
दूसरे समुदाय द्वारा किए गए विरोध पर पुलिस सक्रिय हुई और मौलाना को फिर जेल भेज दिया !! #ViralVideos pic.twitter.com/XzDKxBLp3k
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "हमारे लिए क्षेत्र की शांति और कानून व्यवस्था प्राथमिकता है। मौलाना की रिहाई पर हुए घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी। इसके मद्देनजर उन्हें फिर से जेल भेजा गया है। हम सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं।"
स्थानीय राजनीति और सामाजिक असर
घटना ने स्थानीय राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। एक तरफ मौलाना के समर्थक इसे धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा बता रहे हैं, वहीं विरोधी पक्ष इसे कानून-व्यवस्था का मामला कहकर प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।
स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।