करनाल: यह दिल दहला देने वाली घटना हरियाणा के करनाल जिले के आरके पुरम इलाके की है, जहाँ एक वृद्ध माता जी को उनके बेटे और बहू ने घर में बंद कर दिया है। वृद्धा, जिन्हें लगभग तीन दिन से खाना नहीं मिला है, छत पर बैठी हुई तड़प रही हैं और बार-बार बिस्किट की मांग कर रही हैं, लेकिन उन्हें नीचे आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। वहीं, उनका बेटा और बहू मनाली में नया साल मनाने गए हुए हैं, जबकि उनकी माँ भूख से तड़प रही हैं।
क्या है मामला? यह घटना तब सामने आई जब कुछ स्थानीय लोग और राहगीर शोर सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे। वे वृद्ध माता जी को छत पर बंद पाया, जो बिस्किट की तलाश में थी और खाने के लिए दरवाजे को खटखटा रही थी। उनका कहना था कि उनके बेटे और बहू ने उन्हें इस तरह से घर में बंद कर दिया है और बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
आशियाना की एक सामाजिक कार्यकर्ता टीम ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचकर वृद्धा को बचाने की कोशिश की। लेकिन घर का दरवाजा अंदर से बंद था और टीम को अंदर जाने में कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। वृद्धा ने बताया कि वह कई दिनों से भूखी हैं और खाने के लिए कुछ नहीं मिला है। उनके पास सिर्फ कुछ बिस्किट थे, जिनमें से भी कुछ गिर गए थे।
राहगीरों और टीम की अपील आशियाना टीम ने इस मामले में दखल लिया और पड़ोसियों से भी मदद की अपील की। जब यह पता चला कि घर के अंदर कोई नहीं है और वृद्धा पूरी तरह से अकेली हैं, तो टीम ने घर का दरवाजा खोलने की कोशिश की। हालाँकि, किसी तरह से पुलिस या स्थानीय अधिकारियों की मदद लेना जरूरी था।
गली-मोहल्ले के लोग बताते हैं कि वृद्धा के बेटे का निधन हो चुका है और अब उनकी बहू ही इस घर में रहती है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि उनका बहू और बेटा मनाली घूमने गए हुए हैं, जबकि वृद्धा को इस तरह अकेला छोड़ दिया गया है।
माँ के प्रति लापरवाही पर सवाल वृद्धा की स्थिति को देखकर क्षेत्रीय लोग भी हैरान हैं। एक राहगीर ने कहा, "माँ का दर्जा सबसे ऊँचा होता है, लेकिन जब हम माँ के साथ ऐसा व्यवहार देखते हैं तो दिल दहल जाता है। उनका बेटा और बहू अगर उनकी देखभाल नहीं कर सकते, तो क्यों न उन्हें किसी अच्छे जगह पर रखा जाए, जहाँ उन्हें प्यार और सुरक्षा मिले।"
आशियाना की टीम की अपील आशियाना की टीम ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी से अपील की है कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि वृद्धा की मदद की जा सके और उनके खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई हो। टीम ने यह भी कहा कि अगर पुलिस की मदद मिलती है तो यह केस और भी गंभीर रूप से लिया जाएगा और वृद्धा को जल्द से जल्द उनके अधिकार मिलेगें।
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना हमारे समाज में बढ़ते बुजुर्गों के प्रति लापरवाही और असंवेदनशीलता को उजागर करती है। बुजुर्गों का सम्मान करना और उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है, और ऐसे मामलों में हमें तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
माता जी की स्थिति: माता जी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वे कई दिनों से भूखी हैं। वे सिर्फ यह चाहती हैं कि उनके बेटे और बहू उनके साथ बेहतर व्यवहार करें। उनकी तड़प और दर्द को देख कर यह साफ प्रतीत होता है कि उन्हें न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी अत्याचार सहन करना पड़ा है।
आखिरी शब्द: यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो अपने बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं। समाज को यह समझने की जरूरत है कि एक वृद्ध व्यक्ति का जीवन सम्मान का हकदार होता है, और उन्हें किसी भी प्रकार की तंग-गली में कैद करना न केवल गैरकानूनी है बल्कि अमानवीय भी है।
अब इस मामले की जांच की जा रही है, और आशा है कि जल्द ही वृद्धा को न्याय मिलेगा।