नई दिल्ली: शाहीन बाग प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली एक्टिविस्ट सायमा खान ने अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के समर्थन में आवाज़ उठाई है। उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को "पीड़ितों की आवाज़ उठाने वाला एकमात्र नेता" बताते हुए कहा कि उनके इलाके में बुनियादी सुविधाओं की कमी है और सरकारी उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
सायमा खान ने कहा, "ओवैसी साहब ही एकमात्र नेता हैं जो पीड़ितों की आवाज़ उठाते हैं। हमारे यहां बिजली फ्री नहीं है, सड़कें खराब हैं, और ओखला के लोगों के पास कोई सुविधा नहीं है। हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो हमारी समस्याओं को समझे और उन्हें हल करने के लिए काम करे।"
AIMIM के समर्थन में उतरी शाहीन बाग की एक्टिविस्ट सायमा खान, बोली- ओवैसी साहब ही एकमात्र नेता है जो पीड़ित की आवाज़ उठाते है, हमारे यहां बिजली फ्री नहीं है, सड़के ख़राब है, ओखला के लोगों के पास कुछ भी सुविधाएं नहीं है.#DelhiElection2025 #AIMIM #Okhla
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उन्होंने आगे कहा कि ओवैसी न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि सभी पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए लड़ते हैं। सायमा ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने उनके इलाके की समस्याओं को नजरअंदाज किया है और बुनियादी सुविधाओं के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है।
शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान सायमा खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और महीनों तक धरने पर बैठी थीं। उनकी यह टिप्पणी AIMIM के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को दर्शाती है, खासकर उत्तर भारत में जहां पार्टी ने हाल के वर्षों में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।
AIMIM ने सायमा खान के समर्थन का स्वागत किया है और कहा है कि यह पार्टी की वंचितों और पीड़ितों के लिए लड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, "सायमा खान जैसे लोगों का समर्थन हमें और मजबूत करता है। हम ओखला और देश के अन्य हिस्सों में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
इस बीच, सायमा खान के बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है। कुछ विपक्षी दलों ने इसे सरकार की नीतियों की विफलता बताया है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इसे राजनीतिक प्रचार करार दिया है।
ओखला और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। सायमा खान के इस बयान के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इन मुद्दों पर अब गंभीरता से विचार किया जाएगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी पार्टी ने कहा है कि वह वंचितों के लिए लड़ना जारी रखेंगे।