तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इसके प्रमुख मोहन भागवत पर तीखा हमला बोला है। रेवंत रेड्डी ने कहा कि RSS ने देश की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं निभाई, न ही उनका कोई सदस्य शहीद हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि यही कारण है कि RSS आजादी के संघर्ष की भावना को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है।
रेवंत रेड्डी ने मोहन भागवत के एक हालिया बयान को "अपमानजनक" करार देते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां देश की आजादी और उससे जुड़े बलिदानों का अपमान हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे बयान न केवल इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश हैं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति भी अनादर दिखाते हैं।"
रेड्डी ने मांग की कि मोहन भागवत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, और इसे हल्के में लेने की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है।
RSS का इतिहास पर सवाल रेवंत रेड्डी ने अपने बयान में यह भी सवाल उठाया कि जब देश के लोग अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तब RSS ने उस समय क्या भूमिका निभाई। उन्होंने दावा किया कि संगठन ने स्वतंत्रता संग्राम से दूरी बनाए रखी और आज उसी इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक विवाद गहराया रेड्डी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हंगामा खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, RSS की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब तेलंगाना में चुनावी माहौल गरमा रहा है। रेवंत रेड्डी का यह बयान न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर बहस को हवा दे रहा है, बल्कि इसे आगामी चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।