बाड़मेर, राजस्थान: राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुढ़ामालानी क्षेत्र से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक दलित युवक के साथ कुछ जाट जाति के असामाजिक तत्वों ने न केवल बेरहमी से मारपीट की, बल्कि उसे एक वृक्ष से उल्टा लटकाकर अत्याचार किया। यह घटना प्रदेश में जातिगत भेदभाव और अत्याचार की भयावह सच्चाई को उजागर करती है।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित दलित युवक को जाट जाति के कुछ लोगों ने किसी विवाद के चलते निशाना बनाया। उन्होंने न केवल उसे बेरहमी से पीटा, बल्कि उसे सार्वजनिक तौर पर पेड़ से उल्टा लटकाकर उसकी मानवीय गरिमा को तार-तार किया। घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है और विभिन्न संगठनों ने इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की है।
दिल दहलाने वाली इस घटना को गंभीरता से लेकर राजस्थान सरकार और पुलिस इन अपराधियों को कड़ी सजा दिलाए। https://t.co/4L9659zTIz
— Humanity (@humanityalive12) January 11, 2025
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, अब तक इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने के चलते स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है।
दलित अधिकार संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना को राजस्थान में दलितों पर बढ़ते अत्याचार का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे प्रदेश की कानून व्यवस्था और सामाजिक न्याय के प्रति असफलता का परिचायक करार दिया। कई संगठनों ने पीड़ित को न्याय दिलाने और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
राजस्थान बना दलितों का कब्रगाह...
— Pawan_kumar (@Pk4_Pawan) January 11, 2025
घटना बाड़मेर के गुढ़ामालानी की बताई जा रही है जहां एक दलित युवक के साथ कुछ जाट जाति के असामाजिक तत्वों ने अमानवीय तरीके से मार पीट की तथा दलित युवक को एक वृक्ष से बांधकर उल्टा लटकाया गया...!
ये कृत्य इंसानियत को शर्मशार करने वाला है..!! pic.twitter.com/9nxsII2b9S
घटना पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी आई है। विपक्ष ने प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरते हुए इसे सरकार की नाकामी करार दिया। वहीं, सत्ताधारी दल ने घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
यह घटना न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि जातिगत भेदभाव और अत्याचार आज भी हमारे समाज में गहराई से मौजूद हैं। यह समय है कि सरकार, प्रशासन और समाज एकजुट होकर ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाएं और एक ऐसा वातावरण बनाएं जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार और गरिमा के साथ जीने का हक मिले।