चित्तौड़गढ़, राजस्थान – चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर और प्रधानाचार्य का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में दिखाया गया कि स्कूल परिसर में दोनों शिक्षकों को अनुचित गतिविधियों में शामिल पाया गया।
वीडियो वायरल और कार्रवाई
अनिका पांडे नामक महिला ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें कथित रूप से हेडमास्टर को दौड़ाते हुए पीटते हुए देखा गया। वीडियो में प्रधानाचार्य को भी बचाव की कोशिश करते हुए दिखाया गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और शिक्षा विभाग पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया।
सोमवार को पुलिस की एक टीम ने स्कूल का दौरा कर प्रारंभिक जांच की। मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को ही दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने विस्तृत जांच के बाद मंगलवार को दोनों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
DEO द्वारा जारी आदेश में कहा गया, “प्रारंभिक जांच और रिकॉर्ड की गहन समीक्षा से यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी स्कूल में अनैतिक गतिविधियों में लिप्त थे। इस घटना से शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इसलिए दोनों को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1958 के नियम 19 (2) के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया है।”
"मुखमैथुन" कराने वाले "प्रधानाचार्य" जी कूट दिए गए👇
— Anika Pandey (@Anika_Pan) January 22, 2025
मैडम प्रधानाचार्य को बचाते हुए नज़र आईं.
मैडम भी कम थोड़ी है.. pic.twitter.com/AZJ6aYdBR9
सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोगों ने शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई की सराहना की है, जबकि कुछ ने इसे राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की गिरती स्थिति पर चिंता व्यक्त करने का अवसर बताया।
इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र में नैतिकता और अनुशासन के महत्व को फिर से चर्चा में ला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करती हैं, बल्कि समाज में शिक्षा के प्रति विश्वास को भी कमजोर करती हैं।
चित्तौड़गढ़ के गंगरार क्षेत्र में यह मामला अब एक मिसाल बन गया है कि किसी भी तरह की अनैतिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने कड़ा संदेश दिया है कि स्कूल जैसे पवित्र संस्थानों में अनुशासन और नैतिकता से कोई समझौता नहीं होगा।