बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक पाकिस्तानी महिला के सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने का मामला सामने आया है। इस घटना ने न केवल प्रशासन बल्कि स्थानीय निवासियों को भी चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि यह महिला पिछले 9 सालों से एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर काम कर रही थी और इस दौरान किसी को भी उसकी असली पहचान का अंदाजा नहीं हो पाया।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब उजागर हुआ जब कुछ प्रशासनिक दस्तावेजों की जांच के दौरान महिला की पहचान पर सवाल उठे। जांच में यह पाया गया कि महिला पाकिस्तान की नागरिक थी, जिसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला को निलंबित कर दिया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
70 सालों में पहली बार ऐसा मामला
इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर प्रशासन की लापरवाही कैसे इतने लंबे समय तक जारी रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब ऐसा मामला सामने आया है। कुछ लोगों ने इसे प्रशासन की बड़ी चूक करार दिया है, वहीं कुछ इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं।
हिंदू उम्मीदवारों के साथ भेदभाव?
घटना ने एक और विवाद को जन्म दिया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि एक तरफ नौकरी मांगने वाले हिंदू युवाओं को सरकारी दफ्तरों में लाठियां खानी पड़ती हैं, जबकि दूसरी ओर पाकिस्तानी नागरिकों को नौकरियां दी जा रही हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
प्रशासन ने दी सफाई
जिले के उच्चाधिकारियों ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि संबंधित महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, यह भी बताया गया कि स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों में कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
राजनीतिक हलचल तेज
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर कैसे एक पाकिस्तानी नागरिक भारत के सरकारी तंत्र का हिस्सा बन गई।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करती है बल्कि देश की सुरक्षा और रोजगार नीतियों पर भी सवाल खड़े करती है। स्थानीय निवासियों की मांग है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।