सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की गई। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दरगाह पर जाकर चादर चढ़ाई और देश-दुनिया में अमन-चैन और भाईचारे की दुआ मांगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सभी को उर्स की मुबारकबाद दी और कहा कि ख्वाजा साहब का संदेश मानवता, शांति और भाईचारे के लिए प्रेरणादायक है।
प्रधानमंत्री ने 11वीं बार भेजी चादर
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से यह 11वीं बार है जब अजमेर दरगाह पर चादर पेश की गई। उन्होंने एक संदेश के माध्यम से कहा, "ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का संदेश न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। उनका जीवन और शिक्षा मानवता की सेवा और शांति का प्रतीक हैं। मैं उर्स के इस खास मौके पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं।"
राजस्थान-अजमेर दरगाह में PM मोदी की ओर से चादर पेश, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने की दुआ
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) January 5, 2025
'हिंदू सेना' ने जताया एतराज़ !!
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की अजमेर दरगाह पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की गई !!
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से अजमेर दरगाह के… pic.twitter.com/PlGHoIljRg
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने की पेशकश
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने प्रधानमंत्री की ओर से चादर चढ़ाई और विशेष प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का संदेश समाज में सौहार्द और एकता को बढ़ावा देता है। देश के विकास और शांति के लिए ऐसी परंपराओं को आगे बढ़ाना जरूरी है।"
'हिंदू सेना' ने जताया विरोध
प्रधानमंत्री की ओर से दरगाह पर चादर भेजने को लेकर 'हिंदू सेना' ने नाराजगी जताई। संगठन ने कहा कि यह हिंदू भावनाओं के खिलाफ है और इस तरह की परंपराओं को खत्म किया जाना चाहिए। हिंदू सेना के नेताओं ने प्रधानमंत्री से अपील की कि धार्मिक स्थलों पर ऐसी पेशकश से बचा जाए।
अजमेर दरगाह के महत्व पर नजर
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भारत में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल मानी जाती है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, उर्स में शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजना इस परंपरा का सम्मान और देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर देशभर में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। जहां एक ओर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रधानमंत्री की इस पहल की सराहना की, वहीं कुछ संगठनों ने इसका विरोध किया।
प्रशासन की टिप्पणी
अजमेर जिला प्रशासन ने उर्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बताया और कहा कि आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाएगा। पुलिस और प्रशासन ने सभी समुदायों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।