नई दिल्ली: मोतियाबिंद (Cataract) एक आम आंखों की समस्या है, खासकर बुजुर्गों में। यह समस्या तब होती है जब आंखों के लेंस पर धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि कमजोर हो जाती है। हालांकि, आमतौर पर इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ घरेलू उपायों से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।
हाल ही में, एक प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खे की चर्चा जोर पकड़ रही है, जिसके माध्यम से मोतियाबिंद को शुरुआती स्तर पर बिना ऑपरेशन के ठीक किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक नुस्खे की खासियत
आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला चूर्ण और शहद का मिश्रण आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। त्रिफला चूर्ण में आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण होता है, जो आंखों के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं।
इसे इस्तेमाल करने का तरीका:
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त्रिफला का पानी:
- एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रातभर भिगोकर रखें।
- सुबह इस पानी को छान लें और उससे आंखों को धोएं।
- यह प्रक्रिया रोजाना करने से आंखों की थकावट कम होती है और मोतियाबिंद की समस्या नियंत्रित हो सकती है।
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शहद और गुलाब जल:
- एक चम्मच शुद्ध शहद में दो बूंद गुलाब जल मिलाकर इसे आंखों में डालें।
- यह आंखों के लेंस को साफ करने में मदद करता है और धुंधलापन कम करता है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यह नुस्खा शुरुआती स्तर के मोतियाबिंद के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, अगर मोतियाबिंद बहुत पुराना है और दृष्टि पूरी तरह से बाधित हो चुकी है, तो सर्जरी ही इसका अंतिम उपाय है।
सावधानियां
- किसी भी घरेलू नुस्खे का उपयोग करने से पहले आंखों के डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
- शुद्ध सामग्री का ही उपयोग करें, क्योंकि अशुद्ध चीजें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मोतियाबिंद से बचाव के लिए स्वस्थ आहार लेना, धूप में सनग्लास पहनना और नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना भी जरूरी है।
नोट: यह नुस्खा लोगों के अनुभव और आयुर्वेदिक ग्रंथों पर आधारित है। चिकित्सा सलाह के बिना किसी भी उपचार को अपनाने से बचें।
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